जिसे बीवी से प्यार हो वह उसके लिए आसमान से चांद-तारे भी तोड़ लाता है। पर जिस प्यार में शक की बीमारी हो जाए उसे ऊपरवाला भी नहीं बचा पाता। शक और अविश्वास की आग में जलकर एक पति ने हैवानियत की हदें पार कर दी।
रिलेशनशिप डेस्क.उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक बेहद खौफनाक घटना घटी। जिला अस्पताल में खून से लथपथ एक महिला को लाया गया। उसकी हालत देखकर डॉक्टर भी दंग थे। फौरन इलाज शुरू किया गया लेकिन खून इतना बह चुका था कि कुछ ही देर में उस महिला ने दम तोड़ दिया। इस वारदात को किसी और ने नहीं बल्कि उस महिला के पति ने ही अंजाम दिया था। इसके पीछे अवैध संबंध को वजह बताया जा रहा है।
लोहे की रॉड से पत्नी को किया लहूलुहान
यह वारदात मंझनपुर कोतवाली के फैजीपुर गांव की है। आरोपी का नाम मोबिन अहमद है और उसकी पत्नी का नाम था आशिया बानो। बताया जा रहा है कि मोबिन को आशिया के किसी और मर्द से अवैध संबंध रखने का शक था। इसे लेकर दोनों के बीच अक्सर लड़ाई होती थी। वारदात के दिन भी दोनों के बीच जमकर झगड़ा हुआ। आरोप है कि उसके बाद मोबिन ने घर में रखी लोहे की रॉड लेकर बीवी पर हमला कर दिया। लोहे की रॉड से उसने आशियां के सिर पर कई बार वार किए। आशिया खून से लथपथ होकर वहीं गिर पड़ी।
दो बच्चों की मां थी आशिया बानो
इस घटना से गांव के लोगों में काफी गुस्सा और दुख है। मोबिन और आशिया के दो बच्चे हैं। वारदात के दिन दोनों बच्चे मौके पर ही मौजूद थे। मोबिन ने जब लोहे की रॉड उठाई तो बच्चों ने उसे काफी रोकने की कोशिश की। आरोपी नहीं माना तो दोनों बच्चे जोर-जोर से चिल्लाने लगे। शोर-शराबा सुनकर आस-पास के लोग जमा हो गए। लेकिन जब तक वे आशिया को बचाते तब तक काफी देर हो चुकी थी। बुरी तरह से घायल आशिया को फौरन जिला अस्पताल पहुंचाया गया। हालत गंभीर देखकर उसे प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जल्लाद बाप को जेल, बच्चों का क्या होगा
इस खूनी कांड के बाद पुलिस ने आरोपी मोबिन अहमद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उस पर पहले दफा 307 के तहत केस दर्ज किया गया था जिसे बदलकर धारा 302 लगा दी गई है। पड़ोसियों का कहना है कि पति-पत्नी के रिश्ते काफी खराब थे और अक्सर दोनों में मारपीट होती थी। फिलहाल मां की मौत और पिता के जेल जाने के बाद अब दोनों बच्चों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। शक की आग में एक सिरफिरे ने सिर्फ एक नहीं बल्कि तीन जिंदगियां वीरान कर दी।
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