रतन टाटा (Ratan tata) बेशुमार संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन कुंवारे हैं। हर किसी के मन में यही सवाल चलता है कि आखिर उन्होंने शादी क्यों नहीं की। बहुत कम लोग उनके कुंवारे होने के पीछे की वजह को जानते हैं। आइए बताते हैं आखिर क्यों टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैंन ने नहीं की शादी।
रिलेशनशिप डेस्क. शादी के लिए प्यार का होना जरूरी है। ये भी कहा जाता है कि शादी के बाद प्यार हो ही जाता है। कुछ लोग शादी से पहले वाले प्यार पर यकीन करते हैं तो कुछ शादी के बाद वालों पर। लेकिन रतन टाटा (Ratan tata) का प्यार इतना गहरा था कि जब वो पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने शादी जैसे शब्द को ही अपनी जिंदगी से बाहर निकालकर फेंक दिया। अरबपति होने के बावजूद रतन टाटा जमीन से जुड़े हुए एक आम इंसान की तरह हैं। उनका भी दिल एक बार धड़का था। लेकिन दिल को धड़काने वाली उनकी जिंदगी में शामिल नहीं हो पाई। जिसकी वजह से उन्होंने शादी नहीं करने का फैसला किया। आइए जानते हैं उनकी सच्चे प्यार की अधूरी कहानी।
लॉस एंजलिस में रतन टाटा का पहली बार धड़का था दिल
रतन टाटा ने अपने लव लाइफ (Ratan tata love life) के बारे में खुद एक इंटरव्यू में खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि जब वो लॉस एंजलिस में थे और आर्किटेक्चर फर्म में काम करते थे इस दौरान उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई। यंग रतन टाटा का दिल उस लड़की के लिए धड़कने लगा। दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे। वो बताते हैं कि लड़की की लाइफस्टाइल बहुत ही कम्फर्टेबल थी। दोनों अपने रिश्ते को शादी की मुकाम तक ले जाना चाहते थे।
1962 के युद्ध की वजह से रतन टाटा का प्यार रह गया अधूरा
इस बीच रतन टाटा को इंडिया आना पड़ा। वो अपनी सात साल से बीमार दादी की देखभाल करने के लिए वापस यहां आ गए। इसके बाद वो फिर से अमेरिका गए। वो अपने प्रेमिका से मिले और इंडिया लाने का मन बनाया। लेकिन 1962 के युद्ध ने ऐसा नहीं होने दिया। लड़की के माता-पिता ने युद्ध के कारण उसे भेजने से इंकार कर दिया। जिसके बाद उनका रिश्ता टूट गया।
रतन टाटा ने बिजनेस पर किया फोकस
इसके बाद रतन टाटा का दिल नहीं धड़का। वो दोबारा प्यार तलाशने की कोशिश नहीं की। उन्हें लग गया था कि वो फिर किसी से उतना प्यार नहीं कर पाएंगे। इसलिए आजीवन अविवाहित रहें। उन्होंने खुद को पूरी तरह पैतृक बिजनेस 'द टाटा ग्रुप' के लिए समर्पित कर दिया। विनम्र स्वभाव के रतन टाटा 'द टाटा ग्रुप' को बुलंदी तक लें गए।
सच्चे प्यार को अपनी मजबूती बना लें
ये सच है कि सच्चे प्यार को भुलाना आसान नहीं होता है। बावजूद जिंदगी चलने का नाम है। आज के युवा इसे नहीं समझ पाते हैं। प्यार टूटा नहीं कि वो डिप्रेशन में चले जाते हैं, गलत आदत को अपना लेते हैं। गम में डूबे युवा ऐसे कंधे का सहारा ले लेते हैं जो मतलबी होता है। रतन टाटा से सीखते हुए खोए प्यार को अपना ताकत बना ले और काम पर फोकस करें और आगे बढ़ें।
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