देखा गया है कि मैरिज रिलेशनशिप हो या अभी शादी नहीं हुई हो, संबंधों में महिलाओं को ज्यादा तनाव और परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, पुरुष कई बातों को लेकर असंवेदनशील और बेपरवाह बने रहते हैं।
रिलेशनशिप डेस्क। देखा गया है कि मैरिज रिलेशनशिप हो या अभी शादी नहीं हुई हो, संबंधों में महिलाओं को ज्यादा तनाव और परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, पुरुष कई बातों को लेकर असंवेदनशील और बेपरवाह बने रहते हैं। महिलाएं आम तौर पर भावुक होती हैं। उनका दिल कोमल होता है। साथ ही, वे अपनी फैमिली के साथ ही पार्टनर का काफी ख्याल रखने वाली होती हैं। वे छोटी-छोटी बातों की चिंता करती हैं। वे चाहती हैं कि भले ही उन्हें परेशानी उठानी पड़े, लेकिन उनकी फैमिली और पार्टनर खुश रहे। ऐसे में, अगर कोई फैमिली मेंबर या पार्टनर उनकी उपेक्षा करता है तो उन्हें काफी दुख का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में वे तनाव और स्ट्रेस की शिकार हो जाती हैं। उनके चेहरे पर से खुशी काफूर हो जाती है। इसका बहुत बुरा असर उनके हेल्थ पर पड़ता है। महिलाओं को चाहिए कि अगर पार्टनर या फैमिली से उन्हें अपेक्षा मिलती हो तो इसकी कोई खास परवाह नहीं करें और हर हाल में अपना ख्याल रखें।
1. पार्टनर से करें खुल कर बात
पार्टनर या पति से उन बातों को लेकर खुल कर बात करें, जिनसे समस्या पैदा हो रही हो। अगर पार्टनर बात करने से कतराता हो तो समझें कि यह उसकी कमजोरी है। कहीं न कहीं गलती उसकी तरफ से ही हो रही है। ऐसे में, बातचीत कर समस्या के हल के लिए जोर डालें। अगर शादीशुदा हों तो जरूरी होने पर फैमिली के दूसरे मेंबर्स से भी बात करें। लेकिन कोशिश करें कि पहले बात पार्टनर तक ही सीमित रहे।
2. ज्यादा ना सोचें
किसी भी मुद्दे को लेकर ज्यादा ना सोचें। कोई समस्या हो तो उसका हल कैसे हो सकता है, इसे लेकर व्यावहारिक रवैया अपनाएं। पुरानी बातों और दिनों के बारे में सोचने से कोई फायदा नहीं होता। जो प्रॉब्लम हो, उस पर फोकस करें।
3. संगीत सुनें या किताब पढ़ें
खाली नहीं बैठें। खाली रहने पर दिमाग में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं जो कई बार नेगेटिविटी की ओर ले जाते हैं। अगर आपको संगीत सुनने या किताबें पढ़ने का शौक हो तो इसमें समय बिताएं। संगीत का मन पर सकारात्मक असर पड़ता है।
4. दोस्तों के साथ समय बिताएं
कई बार इंसान अकेलेपन का शिकार हो जाता है। अगर वह किसी घरेलू समस्या से घिरा हो तो और भी ज्यादा परेशानी महसूस होती है। ऐसी स्थिति में दोस्तों से मिलने-जुलने का प्रोग्राम बनाएं और कुछ समय उनके साथ बिताएं। इससे रोज की रूटीन लाइफ में एक बदलाव आता है और खुशी महसूस होती है।
5. कहीं घूमने जाएं
जब फैमिली या रिलेशनशिप में कोई परेशानी हो रही हो और उसका तत्काल कोई हल नहीं निकलने वाला हो तो तनाव होना स्वाभाविक है। इससे कोई नहीं बच सकता। लेकिन ऐसी स्थिति में बदलाव के लिए कहीं बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाएं। हो सके तो पार्टनर को साथ चलने को कहें। इससे मूड ठीक होगा और समस्या तो कोई भी हो, पॉजिटिव एटिट्यूड रखने से दूर हो ही जाएगी।