Deep Dive with Abhinav Khare: अज्ञान, क्रोध, पाखंड और दंभ इंसान को भी राक्षस बना देते हैं।

अहंकार, बल, घमण्ड, कामना और क्रोधादि के परायण और दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष अपने और दूसरों के शरीर में स्थित मुझ अन्तर्यामी से द्वेष करने वाले होते हैं।

कृष्ण अर्जुन को एक बुद्धिमान व्यक्ति और राक्षसी प्रवत्ति वाले इंसान के बीच का अंतर बताते हैं। एक बुद्धिमान व्यक्ति में दैवीय लक्षण होते हैं, जिनकी वजह से वह भविष्य में ऋषि भी बन सकता है। ये दैवीय गुण हैं- हृदय की शुद्धता, अखंडता, करुणा, साहस और हर इंसान के प्रति प्रेम का भाव। कृष्ण के अनुसार अज्ञान, क्रोध, पाखंड और दंभ के कारण इंसान भी राक्षस बन जाता हैं। कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि उन्हें अर्जुन के अंदर दिव्य गुण दिखाई दे रहे हैं। जिन लोगों में राक्षसी प्रवत्तियां होती हैं, उन्हें दुनियां में कोई मूल्य, नियम-कानून, सच्चाई या भगवान का अस्तित्व नजर नहीं आता। जो लोग खुद अपनी कभी न खत्म होने वाली इच्छाओं के आधीन कर लेते हैं, उन्हें नर्क में जाना पड़ता है। ये लोग फिर से शैतान के रूप में ही जन्म लेते हैं और जन्म और मृत्यू के चक्र में हमेशा के लिए फंसकर रह जाते हैं। 

Deep Dive with Abhinav Khare
पसंदीदा श्लोक 

Latest Videos

अहङ्कारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिता: |
मामात्मपरदेहेषु प्रद्विषन्तोऽभ्यसूयका: || -

Abhinav Khare

अहंकार, बल, घमण्ड, कामना और क्रोधादि के परायण और दूसरों की निन्दा करने वाले पुरुष अपने और दूसरों के शरीर में स्थित मुझ अन्तर्यामी से द्वेष करने वाले होते हैं।

 

विश्लेषण 
गीता के इस अध्याय में कृष्ण अर्जुन को उन दो तरह के लोगों के बीच का अंतर समझाते हैं, जिनमें वास्तविक ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता होती है और जो अपनी इच्छाओं के आधीन होकर जन्म और मृत्यु के चक्र में फंसकर रह जाते हैं। कृष्ण के अनुसार खुद के और भगवान के वास्तविक रूप को समझना ही दैवीय गुण है, जबकि अपने शरीर और अपनी इच्छाओं से चिपके रहना राक्षसी प्रवत्ति है। जिन लोगों में राक्षसी प्रवत्तियां होती हैं वो कभी भी संतुष्ट और खुश नहीं रहते। ये लोग भगवान और ब्रम्हांड दोनों में विश्वास नहीं रखते। ऐसे लोग लगातार राक्षसी प्रवत्तियों के साथ ही जन्म लेते हैं। इसीलिए इनमें इस चक्र से मुक्त होकर भगवान में समाहित होने की भी कोई इच्छा नहीं होती है। ये लोग कभी भी उन दैवीय गुणों को प्राप्त नहीं कर सकते हैं, जिनकी मदद से जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल सकती है और अपनी इच्छाओं पर हमेशा के लिए काबू पाया जा सकता है। 

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA)भी किया है।

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट