बचना चाहते हैं मुसीबतों से तो इन 6 लोगों को भूलकर भी न बताएं अपनी गुप्त बातें

महाभारत न सिर्फ एक धर्म ग्रंथ है, बल्कि इसमें लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े कई सूत्र भी बताए गए हैं। जीवन प्रबंधन के ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।

उज्जैन. महाभारत के तीर्थयात्रा पर्व में बताया गया है कि किन 6 लोगों के सामने हमें गुप्त बातें नहीं करनी चाहिए, नहीं तो हम किसी संकट में फंस सकते हैं। जानिए किन 6 लोगों के सामने राज की बात नहीं करनी चाहिए-

श्लोक
स्त्रियां मूढेन बालेन लुब्धेन लघुनापि वा।
न मंत्रयीत गुह्यानि येषु चोन्मादलक्षणम्।।

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अर्थ- 1. स्त्री, 2. मूर्ख, 3. बालक, 4. लोभी और 5. नीच पुरुषों के साथ तथा जिसमें 6. उन्माद का लक्षण दिखाई दे, उसके साथ भी गुप्त परामर्श न करें।

1. स्त्री
स्त्रियों का स्वभाव चंचल होता है। स्त्रियों के बारे में ये भी कहा जाता है कि इनके पेट में कोई भी गुप्त बात नहीं टिक सकती। कभी न कभी ये किसी के सामने गुप्त बात बोल ही देती हैं। इसलिए स्त्रियों के सामने कभी भी कोई गुप्त बात नहीं करनी चाहिए।

2. मूर्ख
मूर्ख यानी वह व्यक्ति जिसे अच्छे-बुरे, अपने-पराए या दोस्त-दुश्मन का फर्क मालूम नहीं होता। ऐसे व्यक्ति के सामने यदि कोई गुप्त बात कही जाए तो जाने-अनजाने में वह किसी को भी वह बात बता सकता है। ऐसी बात अगर हमारे दुश्मनों को पता चल जाए तो हम किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।


3. बालक
किसी बच्चे के सामने भी कोई गुप्त बात नहीं कहनी चाहिए, क्योंकि उन्हें नहीं पता होता कि किसके सामने क्या बात बोलनी चाहिए और क्या नहीं। ऐसी स्थिति में बच्चे के सामने कही गई गुप्त दूसरे लोगों को पता चल सकती है और इसका नुकसान हमें आने वाले समय में उठाना पड़ सकता है।

4. लोभी
जिस इंसान को धन का लालच होता है, वह अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए किसी का भी नुकसान करने से नहीं चूकता। फिर चाहे वह आपका दुश्मन ही क्यों न हो। इसलिए लालची इंसान पर भरोसा कर उसे कभी कोई राज की बात नहीं बतानी चाहिए।

5. नीच पुरुष (बुरे काम करने वाला)
जो पुरुष चोरी, लूट, डकैती, मुनाफाखोरी आदि ऐसे काम करते हैं, जिससे दूसरों को नुकसान होता है, वह निम्न श्रेणी के होते हैं। ऐसे लोग अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए न तो ऐसे लोगों के साथ रहना चाहिए और न ही इनके सामने कभी कोई गुप्त बातें करनी चाहिए।

6. जिसमें उन्माद के लक्षण दिखाई दें
कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनमें उन्माद (पागलपन) के लक्षण दिखाई देते हैं, हालांकि ये पागल नहीं होते। कभी ये अतिउत्साही हो जाते हैं तो कभी निराश नजर आते हैं। ये बिना कारण कुछ भी कर बैठते हैं। ऐसे लोगों के सामने भी कभी कोई राज की बात नहीं करनी चाहिए।

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