ये हैं शनिदेव के 9 वाहन, जानिए कौन बढ़ाता है सौभाग्य और कौन लाता है बुरा समय?

24 जनवरी, शुक्रवार को शनि राशि बदलकर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। शनि के राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर दिखाई देगा। आज हम हम आपको शनिदेव के वाहनों के बारे में बता रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2020 4:13 AM IST

उज्जैन. शनि चालीसा में शनिदेव के 7 वाहनों के बारे में बताया गया है। इसके अलावा शनिदेव के अन्य वाहन भी हैं। शनिदेव जिस वाहन पर सवार होकर किसी राशि में जाते हैं तो उस वाहन के अनुसार ही उस राशि वालों को फल प्राप्त होते हैं। नक्षत्र, वार व तिथि की गणना कर शनि के वाहन के बारे में पता लगाया जा सकता है। शनिदेव के वाहनों की जानकारी इस प्रकार है-

वाहन प्रभु के सात सुजाना। दिग्गज, गर्दभ, मृग, अरुस्वाना।।
जम्बुक, सिंह आदि नखधारी। सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।

अर्थात- शनिदेव के सात वाहन हैं- हाथी, गधा, हिरण, कुत्ता, सियार, शेर, व गिद्ध। इसके अलावा कौआ व हंस को भी इनका वाहन माना गया है।

ऐसे जानें शनि के वाहन के बारे में
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, व्यक्ति के जन्म नक्षत्र की संख्या और शनि के राशि बदलने की तिथि की नक्षत्र संख्या को जोड़कर योगफल को 9 से भाग दें। शेष संख्या के आधार पर शनिदेव का वाहन निर्धारित होता है।

सवारी-हाथी
फल- फलित ज्योतिष के अनुसार, जब शनिदेव हाथी पर सवार होकर आते हैं तो पैसा, सम्मान पद आदि का लाभ होता है।

सवारी-गधा
फल- शनिदेव जब गधे पर सवार होकर किसी की राशि में जाते हैं तो उसके बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। हानि ही हानि होती है।

सवारी-शेर
फल- शेर पर शनिदेव की सवारी कोई बड़ा पद व समाज में मान-सम्मान दिलाती है। इससे हर क्षेत्र में आपकी प्रशंसा होती है।

सवारी-सियार
फल- जब शनिदेव सियार पर सवार होकर आत हैं तो व्यक्ति की बुद्धि नष्ट हो जाती है। पैसे व सम्मान का भी नाश होता है।

सवारी-हिरन
फल- जब शनिदेव हिरन पर सवार होकर आते हैं तो मृत्यु के समान कष्ट झेलने पड़ते हैं। हर तरफ से परेशानी ही परेशानी आती है।

सवारी-कुत्ता
फल- शनिदेव जब कुत्ते पर सवार होकर किसी की राशि में जाते हैं तो उसे चोरी या पैसों के नुकसान होने का डर रहता है।

सवारी-गिद्ध
फल- शनिदेव जब गिद्ध पर सवार होकर आते हैं तो व्यक्ति को अनेक तरह की बीमारियां घेर लेती है।

सवारी-कौआ
फल- कौए पर सवार होकर शनिदेव व्यक्ति के सभी दुखों को दूर करते हैं और बीमारी आदि कष्टों को भी कम करते हैं।

Share this article
click me!