- चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन यानी 12 अप्रैल, गुरुवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- घर में किसी साफ स्थान पर लकड़ी की चौकी स्थापित करें और लाल कपड़ा बिछाएं। चौकी पर देवी कूष्मांडा की तस्वीर स्थापित करें।
- देवी कूष्मांडा के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।
- इसके बाद अबीर, गुलाल, चंदन, हल्दी, मेहंदी, आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें। देवी को मालपुए का भोग लगाएं।
- नीचे लिखे मंत्र का 11 बार जाप करें और आरती करें-
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।