
Ganesh ji Ki Aarti: प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती। इसीलिए हर शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है। इसके अलावा, पूजा के अंत में भगवान गणेश की आरती अवश्य करनी चाहिए। गणेश आरती के बोल, "जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा" हिंदी में पढ़ें, साथ ही गणेश आरती का महत्व, लाभ, सही समय और अन्य जानकारी भी पढ़ें।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
शास्त्रों के अनुसार, गणेश पूजा के बाद आरती अवश्य करनी चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश को बुद्धि के देवता के साथ-साथ विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। ऐसे में इस आरती को करने से बुद्धि की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है तथा हर क्षेत्र में सफलता के साथ-साथ धन लाभ भी होता है।
गणेश आरती करते समय, सुनिश्चित करें कि हर शब्द का उच्चारण सही हो और कोई त्रुटि न हो। पीतल, चांदी या किसी अन्य थाली में घी का दीपक जलाएं। दीपक में एक गोल बाती रखें। इसके साथ ही कपूर भी जलाएं। सबसे पहले, ऊपर की ओर मुख करके तीन बार शंख बजाएँ। इसके बाद घंटी, ताली या अन्य वाद्य यंत्रों से भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें। अंत में, दो बार जल पिएं और फिर किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें।
ब्रह्म मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है। सूर्योदय के समय गणेश आरती करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। इसलिए, आप सुबह 5 से 6 बजे के बीच ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्योदय के समय आरती कर सकते हैं। शाम को भी गणेश आरती करनी चाहिए।
गणेश आरती विधिपूर्वक करने के बाद, भगवान गणेश की स्तुति का जाप करें। फिर जल से आचमन करें। स्वयं आरती लेने के बाद घर के अन्य सदस्यों की भी आरती करें।