Guru Purnima 2023: आज गुरु पूर्णिमा पर इस विधि से करें पूजा, जानें महत्व और आरती, पूजा के लिए ये 4 मुहूर्त हैं बेस्ट

Guru Purnima 2023: इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 3 जुलाई, सोमवार को है। इस दिन लोग अपने-अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।

 

Manish Meharele | Published : Jul 1, 2023 10:11 AM IST / Updated: Jul 03 2023, 07:50 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2023) का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है इसी तिथि पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने वेदों का अलग-अलग किया, साथ ही महाभारत जैसे ग्रंथों की रचना भी की। उन्हीं के सम्मान में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 3 जुलाई, सोमवार को है। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व अन्य खास बातें…

ये हैं गुरु पूर्णिमा के शुभ योग व मुहूर्त (Guru Purnima 2023 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 2 जुलाई, रविवार की रात 08:21 से शुरू होकर 03 जुलाई, सोमवार की रात 05:08 तक रहेगी। चूंकि पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 3 जुलाई को होगा, इसलिए इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य नाम का राजयोग भी इस दिन बनेगा। ये हैं पूजा के शुभ मुहूर्त…
- सुबह 08:56 से 10:41 तक
- दोपहर 12:04 से 12:57 तक
- दोपहर 03:54 से शाम 05:39 तक
- शाम 05:39 से 07:23 तक

इस विधि से करें गुरु की पूजा…( Guru Purnima Puja Vidhi)
- गुरु पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल, चावल और फूल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु, देवगुरु बृहस्पति और महर्षि वेदव्यास की पूजा विधि-विधान से करें।
- सभी देवताओं को फूल चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें। अपनी इच्छा अनुसार फल और मिठाई का भोग लगाएं। सबसे अंत में आरती करें और गुरु ग्रह के मंत्रों का जाप करें।
- अगर आपका कोई धार्मिक या आध्यात्मिक गुरु है तो वहां जाकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। वस्त्र, मिठाई, फल, दक्षिणा दें। कुछ देर गुरु के चरणों में बैठकर उनकी सेवा करें। गुरुदेव की आरती भी जरूर करें।
- इस तरह गुरु पूर्णिमा पर विधि-विधान से भगवान विष्णु, देवगुरु बृहस्पति, महर्षि वेदव्यास और अपने गुरु की पूजा करता है, उसे हर काम में सफलता मिलती है और परेशानियां भी दूर हो सकती हैं।

गुरु की आरती (Guruvar Ki Aarti)
जय गुरुदेव अमल अविनाशी, ज्ञानरूप अन्तर के वासी,
पग पग पर देते प्रकाश, जैसे किरणें दिनकर कीं।
आरती करूं गुरुवर की॥
जब से शरण तुम्हारी आए, अमृत से मीठे फल पाए,
शरण तुम्हारी क्या है छाया, कल्पवृक्ष तरुवर की।
आरती करूं गुरुवर की॥
ब्रह्मज्ञान के पूर्ण प्रकाशक, योगज्ञान के अटल प्रवर्तक।
जय गुरु चरण-सरोज मिटा दी, व्यथा हमारे उर की।
आरती करूं गुरुवर की।
अंधकार से हमें निकाला, दिखलाया है अमर उजाला,
कब से जाने छान रहे थे, खाक सुनो दर-दर की।
आरती करूं गुरुवर की॥
संशय मिटा विवेक कराया, भवसागर से पार लंघाया,
अमर प्रदीप जलाकर कर दी, निशा दूर इस तन की।
आरती करूं गुरुवर की॥
भेदों बीच अभेद बताया, आवागमन विमुक्त कराया,
धन्य हुए हम पाकर धारा, ब्रह्मज्ञान निर्झर की।
आरती करूं गुरुवर की॥
करो कृपा सद्गुरु जग-तारन, सत्पथ-दर्शक भ्रांति-निवारण,
जय हो नित्य ज्योति दिखलाने वाले लीलाधर की।
आरती करूं गुरुवर की॥
आरती करूं सद्गुरु की
प्यारे गुरुवर की आरती, आरती करूं गुरुवर की।


ये भी पढ़ें-

Somvati Amavasya 2023: जुलाई 2023 में सावन की अमावस्या पर बनेगा दुर्लभ संयोग, ये 4 उपाय दिलाएंगे बड़ा फायदा


Amarnath Yatra 2023: बाबा अमरनाथ के 8 रहस्य, जो आज भी हैं अनसुलझे


Sawan 2023: सावन में न करें ये 6 काम, वरना भुगतने पड़ेंगे बुरे परिणाम


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!