Holashtak 2023: 27 फरवरी से शुरू होगा होलाष्टक, इस बार 9 दिनों का रहेगा, इस दौरान कौन-कौन से उपाय करें?

Published : Feb 27, 2023, 06:00 AM IST
holashtak 2023

सार

Holashtak 2023: होली से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है। धर्म ग्रंथों में इसे अशुभ समय बताया गया है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किया जाता है। इस बार होलाष्टक 27 फरवरी, सोमवार को शुरू हो रहा है। 

उज्जैन. हिंदू धर्म में होलाष्टक से जुड़ी कई मान्यताएं है। होलाष्टक होली से 8 दिन पहले शुरू होता है। इन 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। इस बार होलाष्टक 27 फरवरी, सोमवार से शुरू होकर 8 मार्च तक रहेगा, यानी 9 दिनों तक। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि 28 फरवरी और 1 मार्च को नवमी तिथि रहेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए होलाष्टक से जुड़ी मान्यताएं और इस दौरान कौन-से काम करें-कौन से नहीं…

ग्रहों देते हैं अशुभ फल
ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, होलाष्टक से जुड़ी ज्योतिषी और धार्मिक मान्यता भिन्न है। ज्योतिषिय मान्यता के अनुसार, होलाष्टक के 8 दिनों में ग्रह क्रूर अवस्था में होते हैं, जिसके चलते इन 8 दिनों में शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति इन दिनों में कोई शुभ कार्य कर भी लेता है, तो उसे उसका फल नहीं मिल पाता और उस काम में सफलता मिलने में भी संदेह बना रहता है।

भक्त प्रह्लाद से जुड़ी है ये मान्यता
भक्त प्रह्लाद से भी होलाष्टक की मान्यता जुड़ी हुई है। उसके अनुसार, इन 8 दिनों में हिरण्यकश्यपु ने अपने पुत्र प्रह्लाद को तरह-तरह की यातनाएं देकर वध करने का प्रयास किया था। लेकिन हर बार भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद बच जाता था। तब हिरण्यकश्यपु ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर प्रहलाद को मारने की योजना बनाई। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था ये सोचकर होलिका प्रहलाद को लेकर आग में बैठ गई। लेकिन प्रहलाद बच गया और होलिका जल गई। चूंकि होली से पहले 8 दिनों तक भक्त प्रहलाद को यातनाएं दी गई थीं, इस कारण इन दिनों को शुभ नहीं माना जाता।

ये काम कर सकते हैं होलाष्टक के दौरान
1. होलाष्टक के दौरान अपने ईष्टदेव की पूजा और मंत्र जाप करना चाहिए। इससे मन शांत रहता है और हर तरह की परेशानी से बचा जा सकता है।
2. होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ रहता है क्योंकि उनकी कृपा से ही भक्त प्रह्लाद के प्राण बच सके थे।
3. होलाष्टक के 8 दिनों में रोज शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, तुलसी के पास दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
4. होलाष्टक में दान करने का भी विशेष महत्व है। इन 8 दिनों में जरूरतमंदों को भोजन, अनाज, पैसा आदि चीजों का दान करना चाहिए।
5. 8 दिनों तक रोज गाय को चारा खिलाएं या किसी गोशाला में गाय के भोजन के लिए पैसों का दान करें।
6. होलाष्टक के दौरान किसी दिन योग्य ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाएं और अपनी इच्छा अनुसार दान-दक्षिणा देकर विदा करें।



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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।


 

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