Janmashtami 2023 Parana Time: बिना पारणा नहीं मिलेगा जन्माष्टमी व्रत का पूरा फल, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

Janmashtami 2023 Vrat Parana Time: हिंदू धर्म में व्रत पूर्ण होने के बाद उसका पारणा करने का नियम हैं यानी जब व्रत की तिथि समाप्त हो जाए तो उसके बाद विधि-विधान पूर्वक उस व्रत का समापन करना चाहिए, तभी उसका पूरा फल मिलता है।

 

Manish Meharele | Published : Sep 6, 2023 12:48 PM IST / Updated: Sep 07 2023, 08:21 AM IST

उज्जैन. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) का पर्व 6 व 7 सितंबर को पूरे देश में मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी पर प्रमुख कृष्ण मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस पर्व पर अधिकांश लोग व्रत करते हैं। इस व्रत में अनेक नियमों का पालन करना पड़ता है। व्रत पूर्ण होने के बाद विधि पूर्वक पारणा (Janmashtami 2023 Parana Muhurat) करना चाहिए, तभी इसका संपूर्ण शुभ फल मिलता है। जानिए कब और कैसे करें जन्माष्टमी व्रत का पारणा…

स्मार्त वाले 7 को करें व्रत पारणा (7 september 2023 Janmashtami Parana Time)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार जन्माष्टमी पर्व 6 व 7 सितंबर को मनाया जा रहा है। 6 सितंबर को स्मार्त संप्रदाय और 7 को वैष्णव संप्रदाय वाले ये व्रत करेंगे। जिन लोगों ने स्मार्त परंपरा के अनुसार 6 सितंबर को जन्माष्टमी व्रत किया है, वे लोग 7 सितंबर को पारणा करेंगे। इसके लिए शुभ समय 7 सितंबर, गुरुवार की सुबह 06:02 के बाद का रहेगा।

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वैष्णव वाले 8 को करें व्रत पारणा (8 september 2023 Janmashtami Parana Time)
जो लोग वैष्णव परंपरा के अनुसार, 7 सितंबर, गुरुवार को जन्माष्टमी का व्रत करेंगे, वे 8 सितंबर, शुक्रवार को पारणा करेंगे। इनके लिए पारणा का शुभ मुहूर्त 8 सितंबर की सुबह 06:02 के बाद का रहेगा।

इन बातों का रखें ध्यान
- व्रत का पारणा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे पारणा से पहले किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन करवाएं। ऐसा संभव न हो तो अपनी इच्छा अनुसार गरीबों को दान करें।
- पारणा से पहले भगवान से व्रत के संपूर्ण शुभ फल देने के लिए प्रार्थना करें। पहला कौल भगवान को अर्पित करें, इसके बाद स्वयं भोजन करें। पारणा का भोजन सात्विक और हल्का होना चाहिए।
- पारणा के दौरान अधिक भोजन न करें, इससे सेहत बिगड़ सकती है, इसलिए थोड़ा-बहुत खाकर थोड़ी देर आराम करें। कुछ समय बाद पेट भर भोजन कर सकते हैं।
- नियम के अनुसार, व्रत का पारणा सुबह ही करना चाहिए, दोपहर में नहीं। ऐसा करना ही शास्त्र सम्मत माना गया है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।


 

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