Annapurna Jayanti 2023: अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर को, जानें कौन हैं ये देवी जिन्होंने महादेव को दी थी भिक्षा?

Kab Hai Annapurna Jayanti 2023: हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की मान्यता है, देवी अन्नपूर्णा भी इनमें से एक है। इन्हें अन्न की देवी कहा जाता है, इसलिए इनका नाम अन्नपूर्णा है। इनसे जुड़ी कईं कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती है।

 

Manish Meharele | Published : Dec 25, 2023 10:46 AM IST / Updated: Dec 26 2023, 08:12 AM IST

Devi Annapurna Ki Katha: धर्म ग्रंथों के अनुसार, अगहन मास की पूर्णिमा पर देवी अन्नपूर्णा की जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इन्हीं देवी की कृपा से संसार को अन्न प्राप्त होता है। इस बार अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर, मंगलवार को है। मान्यता के अनुसार, जिस घर में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है, वहां कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। मां अन्नपूर्णा को देवी पार्वती का ही एक रूप माना जाता है। आगे जानिए देवी अन्नपूर्णा की पूजा विधि, शुभ योग, महत्व आदि के बारे में…

कौन हैं देवी अन्नपूर्णा? (Koun Hai Devi Annapurna)
पुराणों के अनुसार, मां पार्वती का एक रूप है अन्नपूर्णा देवी। इनकी पूजा और भी कईं नामों से की जाती है। प्रचलित कथा के अनुसार, एक बार काशी में भयंकर अकाल पड़ा और लोग भूख-प्यास से परेशान हो गए। चारों ओर सिर्फ भूखे-प्यासे लोग ही दिखाई देने लगे। तब भगवान शिव ने काशी के लोगों के लिए मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। मां अन्नपूर्णा ने भिक्षा के महादेव को ये वरदान भी दिया था कि काशी में कभी भी कोई भूखा नहीं सोएगा। काशी में देवी अन्नपूर्णा का एक प्राचीन मंदिर भी स्थापित है, जहां दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं।

इस विधि से करें देवी अन्नपूर्णा की पूजा ( Devi Annapurna Puja Vidhi)
- 26 दिसंबर, मंगलवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और हाथ में जल व चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- पहले घर की रसोई यानी किचन की साफ-सफाई करें, क्योंकि इसी स्थान पर देवी अन्नपूर्णा का वास माना जाता है।
- चूल्हे पर हल्दी से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और चावल व फूल अर्पित करें। चूल्हे के पास ही धूप और दीप जलाएं।
- इसके बाद माता पार्वती और शिव जी की पूजा करें। माता अन्नपूर्णा से प्रार्थना करें कि हमारे घर में कभी अन्न की कमी न हो।
- इसके बाद देवी अन्नपूर्णा की आरती करें। संभव हो तो जरूरतमंदों को अन्न जैसे- चावल, गेहूं आदि का दान करें।

मां अन्नपूर्णा की आरती ( Devi Annapurna Ki Aarti)
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम ।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम ।
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
चूमहि चरण चतुर चतुरानन, चारु चक्रधर श्याम ।
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर, शोभा लखहि ललाम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
देवि देव! दयनीय दशा में, दया-दया तब नाम ।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल, शरण रूप तब धाम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या, श्री क्लीं कमला काम ।
कांति, भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी, वर दे तू निष्काम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।


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