Dhanteras 2023 Pujan Vidhi-Shubh Muhurat: धनतेरस 10 नवंबर को, जानें मंत्र सहित आसान पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, आरती और कथा

Kab Hai Dhanteras 2023: हर साल दीपावली से पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर के अलावा भगवान धन्वंतरि की पूजा भी जाती है और यमरा को प्रसन्न करने के लिए दीपदान किया जाता है।

 

Manish Meharele | Published : Nov 6, 2023 8:37 AM IST / Updated: Nov 11 2023, 08:08 AM IST

When is Dhanteras on 10th or 11th November: धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर साल दीपावली से 2 दिन पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है, साथ ही यमराज को प्रसन्न करने के लिए दीपदान भी किया जाता है। ये पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 1 नहीं बल्कि 2 दिन है, जिसके चलते ये पर्व कब मनाएं, इसे लेकर लोगों के मन में कन्फ्यजून है। आगे जानिए धनतेरस की सही डेट, पूजा विधि और शुभ सहित पूरी डिटेल…

कब है धनतेरस 2023? जानें सही डेट (Dhanteras 2023 Fix Date)
पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर, शुक्रवार दोपहर 12:36 से 11 नवंबर, शनिवार की दोपहर 01:58 तक रहेगी। चूंकि धनतेरस यमराज के लिए दीपदान व पूजा शाम को करने का विधान है। इसलिए ये पर्व 10 नवंबर, शुक्रवार को ही मनाया जाएगा।

Latest Videos

धनतेरस 2023 पूजा-खरीदी के शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2023 Puja Muhurat)
10 नवंबर, शुक्रवार को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त रात 05:47 से 07:43 तक रहेगा। यानी उसकी कुल अवधि 01 घण्टा 56 मिनट की रहेगी। यम दीपदान के लिए प्रदोष काल शाम 05:30 से 08:08 तक रहेगा। ये पूरे दिन खरीदी के लिए शुभ रहेगा। इस दिन शुभकर्तरी, वरिष्ठ, सरल, सुमुख और अमृत नाम के 5 शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है।

धनतेरस पर करें भगवान धन्वंतरि की पूजा (Dhanteras 2023 Puja Vidhi)
- 10 नवंबर, शुक्रवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और पूजा-व्रत का संकल्प लें। शाम को शुभ मुहूर्त में साफ कपड़े पहनकर भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र किसी साफ स्थान पर स्थापित करें।
- नीचे लिखा मंत्र बोलकर भगवान धन्वंतरि का आह्वान करें-
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं, अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
- भगवान धन्वंतरि के सामने थोड़े चावल चढ़ाएं। आचमन के लिए जल छोड़ें। इसके बाद गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें। वस्त्र (मौली) अर्पण करें। पान, लौंग, सुपारी भी चढ़ाएं।
- भगवान धन्वंतरि को खीर का भोग लगाएं। शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि औषधियां भी भगवान धन्वंतरि को अर्पित करें। श्रीफल व दक्षिणा भी चढ़ाएं। पूजा के
अंत में कर्पूर आरती करें।

भगवान धन्वंतरि की आरती (Aarti of Lord Dhanvantari)
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

क्यों मनाते हैं धनतरेस, जानें रोचक कथा (Kyo Manate Hai Dhanteras, Katha)
पुराणों के अनुसार, एक बार देवता और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन की योजना बनाई, ताकि समुद्र में छिपी संपत्ति बाहर निकल सके। वासुकि नाग की नेती यानी रस्सी बनाई गई और मंदराचल पर्वत की सहायता से समुद्र को मथना शुरू किया गया। समुद्र मंथन से सबसे पहले हलाहल नाम का भयंकर विष निकला, जिसे भगवान शिव ने पी लिया। इसके बाद एक-एक करके देवी लक्ष्मी सहित 14 रत्न समुद्र से निकले। सबसे अंत में भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर बाहर आए। अमृत कलश पाने के लिए देवता और असुरों में युद्ध होने लगा। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप लेकर छलपूर्वक देवताओं को अमृत पिला दिया और असुर को कुछ नहीं मिला। अमृत पीकर देवता शक्तिशाली हो गए और उन्होंने असुरों को हरा दिया। जिस दिन धन्वंतरि अमृत कलश लेकर निकले, उस दिन कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि थी, तभी से इस तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है।


ये भी पढ़ें-

Diwali 2023: भूलकर भी न करें ये 8 काम, देवी लक्ष्मी चौखट से लौट जाएंगी


Diwali 2023 Muhurat: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के 6 मुहूर्त, नोट करें समय


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

सपा पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया सबसे बड़ा तंज, बन गया नया नारा #Shorts
'कठिन साधना से कम नहीं है छठ पूजा का पर्व' PM Modi ने बताया Chhath Puja का महत्व, देखें Video
स्मृति ईरानी ने इंडी अलायंस को दे दी चुनौती, कहा- कभी नहीं होगा ये काम #Shorts
'सपा-कांग्रेस में हो गया तलाक' खटाखट से सफाचट तक सुनिए क्या बोले Yogi Adityanath
US Election Results 2024 के बाद एलन मस्क ने कनाडा PM ट्रूडो को लेकर कर दी भविष्यवाणी । Donald Trump