Sawan Shivratri 2024: भगवान शिव की भक्ति का महीना सावन शुरू हो चुका है। इस महीने में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। जानें कब है सावन 2024 की शिवरात्रि, पूजा विधि-मंत्र की डिटेल।
Sawan Shivratri 2024 Details: सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस बार सावन मास 22 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 19 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में शिवरात्रि पर्व भी मनाया जाता है। साल में एक बार ही सावन शिवरात्रि का संयोग बनता है, इसलिए इस दिन की गई पूजा का कईं गुना अधिक शुभ फल मिलता है। आगे जानिए इस बार कब है सावन शिवरात्रि, पूजा विधि-मंत्र आदि की डिटेल…
कब है सावन शिवरात्रि 2024? (Kab Hai Sawan Shivratri 2024)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, शिवरात्रि व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त शुक्रवार की दोपहर 03:27 से शुरू होगी, जो 3 अगस्त, शनिवार की दोपहर 03:50 तक रहेगी। शिवरात्रि की पूजा रात को की जाती है, इसलिए ये व्रत 2 अगस्त, शुक्रवार को किया जाएगा। इस दिन पद्म और सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी अधिक हो गया है।
सावन शिवरात्रि 2024 पूजा शुभ मुहूर्त (Sawan Shivratri 2024 Shubh Muhurat)
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 07:11 से 09:49 तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:49 से 12:27 तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 00:27 से 03:06 तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:06 से 05:44 तक
सावन शिवरात्रि 2024 पूजा विधि (Sawan Shivratri 2024 Puja Vidhi)
- 2 अगस्त, शुक्रवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। दिन में उपवास रखें, एक समय फलाहार कर सकते हैं।
- दिन भर मन ही मन में ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। शिवरात्रि व्रत में रात को 4 बार भगवान शिव की पूजा की जाती है।
- रात के पहले पहर से पहले यानी शाम 7 बजे से पहले स्नान आदि करें और इसके बाद शिवजी की पूजा करें। पहले शिवलिंग का जल से अभिषेक करें।
- शुद्ध घी का दीपक लगाएं। शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद फूल, बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, आदि चीजें चढ़ाएं।
- इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। इच्छा अनुसार शिवजी को भोग लगाएं और आरती करें। रात में चारों पहर में इसी तरह पूजन करें।
- अगली सुबह व्रत का पारणा करें। ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा देकर विदा करें। सावन शिवरात्रि का व्रत करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है।
भगवान शिव की आरती (Shiv ji Ki aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
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