सोमवती अमावस्या 2 सितंबर को, कैसे करें पूजा-कौन सा मंत्र बोलें? जानें मुहूर्त भी

Somvati Amavasya September 2024: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का संयोग बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व है। इस बार सितंबर 2024 में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है।

 

Manish Meharele | Published : Aug 30, 2024 4:23 AM IST / Updated: Sep 02 2024, 08:22 AM IST

Somvati Amavasya 2024: ज्योतिष शास्त्र में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं, इनमें से एक अमावस्या भी है। इस तिथि के देवता पितृ हैं। महीने में एक बार अमावस्या तिथि आती है। इस बार 2 सितंबर, सोमवार को भाद्रपद मास की अमावस्या का संयोग बन रहा है। सोमवार को अमावस्या तिथि का संयोग होने से सोमवती अमावस्या कहलाएगी। सोमवती अमावस्या का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में भी बताया गया है। आगे जानें सोमवती अमावस्या के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा सहित पूरी डिटेल…

सोमवती अमावस्या सितंबर 2024 शुभ योग-मुहूर्त (Somvati Amavasya September 2024 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि 02 सितंबर, सोमवार की सुबह 05:22 से शुरू होगी, जो 03 सितंबर, मंगलवार की सुबह 07:25 मिनिट तक रहेगी। इस दिन शिव, सिद्ध और ध्वजा नाम के 3 शुभ योग बनेंगे। साथ ही इस दिन मघा और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र भी रहेंगे, जो शुभ फल देने वाले हैं। सोमवती अमावस्या के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-
- सुबह 06:13 से 07:46 तक
- सुबह 09:19 से 10:53 तक
- दोपहर 12:01 से 12:51 तक
- दोपहर 01:59 से 03:33 तक
- शाम 05:06 से 06:39 तक

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इस विधि से करें सोमवती अमावस्या की पूजा (Somvati Amavasya 2024 Puja Vidhi)
- 2 सितंबर, सोमवार की सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- अगर आपके घर के आस-पास कोई नदी न हो तो घर पर ही पानी में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
- स्नान के बाद हाथ में जल और चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें।
- ये पूजा किसी शिव मंदिर में करें या घर पर ही साफ स्थान पर शिवजी की तस्वीर स्थापित कर करें।
- सबसे पहले शुद्ध घी का दीपक जलाएं। शिवजी को फूलों की माला पहनाएं। कुमकुम से तिलक करें।
- इसके बाद शिवजी को बिल्वपत्र भांग, धतूरा, सफेद फूल और फल आदि चीजें एक-एक करके अर्पित करें।
- पूजा करते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं और आरती करें।
- व्रत करना चाहते हैं तो एक समय फलाहार कर सकते हैं। व्रत के अन्य नियमों का भी विधिवत पालन करें।

ये है सोमवती अमावस्या की कथा (Somwati Amawasya Ki Katha)
- प्राचीन समय किसी शहर में एक ब्राह्मण कन्या रहती थी। एक दिन उसके घर में एक महात्मा आए और उन्होंने लड़की को देखकर बोला कि ‘तुम्हारे जीवन में विवाह के योग ही नहीं है।’
- उपाय पूछने पर महात्मा ने उन्हें बताया कि ‘यहां पास ही एक पतिव्रता स्त्री सोना धोबिन रहती है, यदि तुम उसे प्रसन्न कर उसकी मांग का सिंदूर प्राप्त कर लो तो तुम्हारा विवाह जरूर होगा।
- ब्राह्मण कन्या सोना धोबिन के घर गई और उसकी खूब सेवा की। एक दिन सोना धोबिन ने उसकी इच्छा पूछी तो उसने पूरी बात सच-सच बता दी। सोना ने उसे अपनी मांग का सिंदूर दे दिया।
- ब्राह्मण कन्या अपने घर लौट गई। मांग का सिंदूर देने से सोना धोबिन के पति की मृत्यु हो गई। उस दिन सोमवती अमावस्या थी। सोना धोबिन ने विधि पूर्वक सोमवती अमावस्या का व्रत किया।
- सोमवती अमावस्या का व्रत करने से सोना धोबिन का पति दोबारा जीवित हो गया। जो भी सोमवती अमावस्या का व्रत करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और शुभ फल मिलते हैं।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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