Ganesh Visarjan 2025: कैसे करें गणेश प्रतिमा का विसर्जन? जानें विधि, मंत्र और मुहूर्त

Published : Sep 05, 2025, 09:03 AM IST

Ganesh Visarjan 2025 Shubh Muhurat: भाद्रपद मास में 10 दिन गणेश उत्सव मनाने के बाद गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया जाता है। जानें किस तरह करें बाप्पा की विदाई, शुभ मुहूर्त सहित पूरी डिटेल।

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कब और कैसे करें गणेश प्रतिमा विसर्जन?

Ganesh Visarjan Mantra: भाद्रपद मास में हर साल 10 दिनों तक धूम-धाम से गणेश उत्सव मनाया जाता है। इन 10 दिनों में रोज भगवान श्रीगणेश की विशेष पूजा की जाती है व अन्य धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। गणेश उत्सव के 10 दिन बाद यानी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को श्रीगणेश की प्रतिमाओं का नदी, तालाब आदि में विसर्जन कर दिया जाता है। इस बार गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन 6 सितंबर, शनिवार को किया जाएगा। आगे जानें गणेश प्रतिमा विसर्जन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र की डिटेल…


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गणेश विसर्जन 2025 शुभ मुहूर्त

सुबह 07:36 से 09:10 तक
दोपहर 12:00 से 12:49 तक (अभिजीत मुहूर्त)
दोपहर 12:19 से शाम 05:02 तक
शाम 06:37 से रात 08:02 तक


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इस विधि से करें गणेश प्रतिमा का विसर्जन-पूजा

- 6 सितंबर, शनिवार को शुभ मुहूर्त में गणेश जी की पूजा करें। सबसे पहले कुमकुम से तिलक लगाएं फिर शुद्ध घी का दीपक लगाएं। फूलों की माला पहनाएं।
- अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, जनेऊ, इत्र, नारियल आदि चीजें चढ़ाएं। लाल वस्त्र अर्पित करें। भगवान श्रीगणेश को दूर्वा भी विशेष रूप से चढ़ाएं।
- श्रीगणेश को अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं। घर की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए नीचे लिखे हुए 10 नाम भी श्रद्धा-भक्ति के साथ बोलें-
ऊं गणाधिपतयै नम:
ऊं उमापुत्राय नम:
ऊं विघ्ननाशनाय नम:
ऊं विनायकाय नम:
ऊं ईशपुत्राय नम:
ऊं सर्वसिद्धप्रदाय नम:
ऊं एकदन्ताय नम:
ऊं इभवक्त्राय नम:
ऊं मूषकवाहनाय नम:
ऊं कुमारगुरवे नम:
- इसके बाद आरती करें और किसी नदी या तालाब में गणेश प्रतिमा का विसर्जन श्रद्धापूर्वक करें। विसर्जन करते समय ये मंत्र बोलें-
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
अर्थ- हे देवगण, हमारी पूजा को स्वीकार करें और अपने स्थान पर जाएं। हम अपनी कामना पूर्ति के लिए आपको पुन: बुलाएंगे।
- इस विधि से भगवान श्रीगणेश का प्रतिमा का विसर्जन करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

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जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा आरती लिरिक्स हिंदी में

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकि पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
एक दन्त दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
अन्धन को आंख देत कोढिऩ को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
हार चढ़े फुल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डूवन का भोग लगे संत करे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
दीनन की लाज रखो, शंभू पुत्र वारी।
मनोरथ को पूरा करो, जय बलिहारी।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकि पार्वती पिता महादेवा।।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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