Jawara Visarjan 2025 Date: कब करें दुर्गा प्रतिमा और जवारों का विसर्जन? जानें मंत्र, मुहूर्त और विधि

Published : Sep 29, 2025, 03:49 PM IST
Jawara Visarjan 2025 Date

सार

Jawara Visarjan 2025 Date: शारदीय नवरात्रि की शुरूआत में एक मिट्टी के बर्तन में जवारे बोए जाते हैं। नवरात्रि के समाप्त होने पर दुर्गा प्रतिमा के साथ इनका विसर्जन किया जाता है। जानें 2025 में कब करें दुर्गा प्रतिमा और जवारों का विसर्जन?

Shardiya Navratri 2025 Jawara Visarjan Shubh Muhurat: धर्म ग्रंथों के अनुसार शारदीय नवरात्रि के पहले दिन जब दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित की जाती है तो साथ में एक मिट्टी के बर्तन में जवारे भी बोए जाते हैं। 9 दिन में ये जवारे बड़े हो जाते हैं। दसवें दिन दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन करते समय इन जवारों को भी नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। जानें इस बार दुर्गा प्रतिमा और जवारों का विसर्जन कब करें, कैसे करें, मंत्र सहित पूरी विधि…

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दुर्गा प्रतिमा-जवारे विसर्जन डेट 2025

शारदीय नवरात्रि समाप्त होने के अगले दिन यानी दशमी तिथि पर दुर्गा प्रतिमा व जवारों का विसर्जन किया जाता है। इस बार नवरात्रि का अंतिम दिन 1 अक्टूबर, बुधवार को है। इसके अगले दिन यानी 2 अक्टूबर को दशहरे पर दुर्गा प्रतिमा व जवारों का विसर्जन करना शास्त्र सम्मत है।

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दुर्गा प्रतिमा-जवारे विसर्जन 2025 शुभ मुहूर्त

सुबह 10:47 से दोपहर 12:16 तक
दोपहर 11:52 से 12:39 तक
दोपहर 12:16 से 01:44 चत
दोपहर 01:44 से 03:12 तक

कैसे करें दुर्गा प्रतिमा और जवारे विसर्जन? जानें पूरी विधि

2 अक्टूबर, गुरुवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। ऊपर बताए गए शुभ मुहूर्त में देवी की पूजा करें। कुमकुम से तिलक लगाएं। फूलों की माला पहनाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद ये मंत्र बोलें-
रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।
देवी की पूजा के बाद जवारों और कलश की भी पूजा करें। इसके बाद देवी की प्रतिमा, जवारे और कलश को भजन गाते हुए तय स्थान यानी नदी या तालाब के तट पर पहुचें। विसर्जन से पहले हाथ में चावल व फूल लेकर देवी मां का ध्यान करें और ये मंत्र बोलें-
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।
इसके बाद सबसे पहले देवी मां की प्रतिमा फिर कलश और अंत में जवारों का विसर्जन करें। इस प्रकार देवी प्रतिमा, कलश और जवारे विसर्जन करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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