Mahalakshmi Vrat 2025: महालक्ष्मी व्रत कब से, 30 या 31 अगस्त? जानें पूजा विधि, मुहूर्त और नियम

Published : Aug 29, 2025, 01:06 PM IST
mahalaksmi vrat 2025

सार

Mahalakshmi Vrat 2025 Date: देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हर साल भाद्रपद मास में महालक्ष्मी व्रत किया जाता है। ये व्रत 16 दिन तक चलता है। इन 16 दिनों में रोज देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।

Mahalakshmi Vrat 2025 Kab Se Shuru Hoga: देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए साल में कईं व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, महालक्ष्मी व्रत भी इनमें से एक है। ये व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक यानी पूरे 16 दिनों तक किया जाता है। इन 16 दिनों में रोज देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है। आगे जानिए साल 2025 में कब से शुरू होगा महालक्ष्मी व्रत, कैसे करें पूजा और किन बातों का रखें ध्यान…

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कब से शुरू होगा महालक्ष्मी व्रत 2025?

पंचांग के अनुसार, इस बार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 31 अगस्त, रविवार को रहेगी। इसलिए इसी दिन से महालक्ष्मी व्रत की शुरूआत होगी, जो 14 सितंबर, रविवार तक किया जाएगा। महालक्ष्मी व्रत के पहले दिन कईं शुभ योग बनेंगे जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।

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कैसे करें महालक्ष्मी व्रत-पूजा?

- 31 अगस्त, रविवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद महालक्ष्मी व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद घर में किसी साफ स्थान पर लकड़ी की चौकी पर देवी लक्ष्मी का चित्र या प्रतिम स्थापित करें।
- देवी लक्ष्मी की तस्वीर पर कुमकम से तिलक लगाएं और फूलों की माला पहनाएं। इसके बाद अबीर, गुलाल, रोली, चावल, फूल, लाल वस्त्र, सुपारी, पान आदि चीजें एक-एक करके अर्पित करें। दीपक भी जलाएं।
- देवी लक्ष्मी को सुहाग की सामग्री जैसे- लाल चूड़ी, मेहंदी, हल्दी, बिछिया, चुनरी भी भेंट करें। पूजा करते समय देवी लक्ष्मी के मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः का जाप भी मन ही मन में करते रहें।
- देवी लक्ष्मी को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं और आरती करें। इसी तरह 16 दिनों तक रोज सुबह-शाम देवी लक्ष्मी की पूजा करें। घर की पवित्रता का ध्यान रखें। व्रत के अंतिम दिन पारणा कर व्रत पूर्ण करें।

महालक्ष्मी व्रत के नियम

1. महालक्ष्मी व्रत के दौरान घर में पवित्रता बनाए रखें यानी मांसाहार या शराब का उपयोग घर में करें।
2. ब्रह्मचर्य का पालन करें सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से इसका पालन करें।
3. घर में किसी तरह क्लेश न करें, न किसी को अपशब्द बोलें। शांति पूर्वक सात्विक रूप से घर में रहें।
4. अगर घर पर कोई भिक्षुक भोजन आदि की इच्छा से आ जाए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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