Chhath Puja Ki Katha: छठ व्रत में किस देवी की होती है पूजा? जानें छठ पूजा की रोचक कथा

Chhath Puja 2023 Kab Hai: छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव के साथ-साथ एक अन्य देवी की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है। इनका नाम छठी मैया है। इन देवी से जुड़ी एक कथा भी धर्म ग्रंथों में बताई गई है।

 

Manish Meharele | Published : Nov 15, 2023 11:22 AM IST

Kyo Karte Hai Chhath Puja: वैसे तो छठ पूजा का पर्व पूरे देश में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में इसकी रौनक देखते ही बनती है। इतना ही नहीं अब तो विदेश में रहने वाले भारतीय भी वहां इस पर्व को पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस बार छठ पर्व 17 से 20 नवंबर तक मनाया जाएगा। इस व्रत में भगवान सूर्यदेव के साथ-साथ छठी मैया की पूजा का विधान है। बहुत कम लोग छठी मैया के बारे में जानते हैं। आगे जानिए कौन हैं छठी मैया…

कौन हैं छठी मैया? (Koun Hai Chhathi Maiya)
ब्रह्मवैवर्त पुराण में छठी मैया का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार, षष्ठी देवी यानी छठी मैया प्रमुख मातृ शक्तियों का ही एक रूप है। ये देवी समस्त लोकों के नवजात बच्चों की रक्षा करती हैं और उन्हें आरोग्य (अच्छी सेहत) व दीर्घायु (लंबी उम्र )प्रदान करती हैं। इन षष्ठी देवी का पूजन ही कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है।

ऐसे शुरू हुई छठ पूजा की परंपरा (Chhath Puja Ki Katha)
- धर्म ग्रंथों के अनुसार, सतयुग में प्रियव्रत नाम के एक प्रतापी राजा हुए। वे हमेशा धर्म अनुसार अपनी प्रजा का पालन-पोषण करते थे। उनके राज्य में कोई दुखी नहीं था। उनकी समस्या ये थी कि उनकी कोई संतान नहीं थी। तब महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया, जिससे रानी को गर्भ ठहर गया।
- राजा को जब ये पता चला तो वे बहुत खुश हुए और संतान के जन्म की प्रतिक्षा करने लगे। तय समय पर रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया, लेकिन वह मृत था। ये देख
राजा प्रियव्रत का बहुत दुख। राजा प्रियवत उस मृत बालक को लेकर श्मशान गए तो दुखी होने के कारण वे भी प्राण त्यागने का प्रयास किया।
- तभी वहां षष्ठी देवी प्रकट हुईं। षष्ठी देवी ने राजा से कहा कि ’तुम मेरा पूजन करो और अन्य लोगों से भी कराओ। ऐसा कहकर देवी षष्ठी ने राजा के मृत बालक को उठा लिया और जीवित कर दिया।’ राजा ने बड़े ही उत्साह से षष्ठी देवी की पूजा की। तभी से षष्ठी देवी/छठ देवी का व्रत होने लगा।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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