Mahashivratri 2023: इन मुस्लिम देशों में भी हैं शिवजी के प्राचीन मंदिर, कोई 1 हजार साल पुराना तो कोई महाभारत काल का

Mahashivratri 2023: इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी भगवान शिव के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर हैं।

 

Manish Meharele | Published : Feb 14, 2023 4:52 AM IST / Updated: Feb 15 2023, 09:59 AM IST
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ये हैं विदेश के प्रमुख शिव मंदिर...

हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 18 फरवरी, शनिवार को है। ये पर्व शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है। इस दिन प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की कतारें देखने को मिलती हैं। हमारे देश में शिवजी के अनेक पौराणिक मंदिर हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आस-पास के पड़ोसी देशों में भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिर हैं। इन सभी मंदिरों से अलग-अलग मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इनमें से कुछ मंदिरों को तो यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज में भी शामिल किया है। महाशिवरात्रि के अवसर पर जानिए विदेश में स्थित प्रमुख शिव मंदिरों के बारे में…
 

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प्रम्बानन मंदिर, इंडोनेशनिया (Prambanan Temple, Indonesia)

इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है, फिर भी यहीं की संस्कृति में हिंदू परंपराओं की झलक स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है। यहां जावा नामक स्थान पर 10वीं शताब्दी में बनाया गया शिवजी का एक विशाल मंदिर हैं, जिसे प्रम्बानन मंदिर कहा जाता है। यूनेस्को ने इस मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में संरक्षित किया है। इस मंदिर के परिसर में अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं भी हैं जैसे दुर्गा, गणेश और महर्षि अगस्त्य की। परिसर में देवी-देवताओं के वाहन जैसे नंदी, हंस और गरुड़ के भी मन्दिर हैं।
 

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रामलिंगेश्वर मंदिर, मलेशिया (Ramalingeswara Temple, Malaysia)

रामलिंगेश्वर मंदिर, मलेशिया (Ramalingeswara Temple, Malaysia)
मलेशिया वैसे तो मुस्लिम देश हैं, लेकिन यहां हिंदुओं के कई धार्मिक स्थल हैं। रामलिंगेश्वर मंदिर भी इनमें से एक है। ये मंदिर मलेशिया की राजधानी क्वालालमपूर में है। ये मंदिर भी काफी प्राचीन हैं। दूर-दूर से शिव भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। महाशिवरात्रि आदि विशेष मौकों पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर का ट्रस्ट ही इसका प्रबंधन और देखभाल करता है।
 

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सागर शिव मंदिर, मॉरिशस (Sagar Shiv Temple, Mauritius)

ये मंदिर अधिक पुराना तो नहीं है लेकिन ये भक्तों की आस्था का केंद्र जरूर है। इसका निर्माण 2007 में किया गया है। यहां भगवान शिव की 108 फीट ऊंचीं कांसे की प्रतिमा है, जिसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। मॉरिशस में रहने वाले हिंदू परिवार प्रतिदिन यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं।
 

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पशुपतिनाथ मंदिर, नेपाल

नेपाल में अनेक प्रसि्दध मंदिर हैं, लेकिन पशुपतिनाथ इन सभी में सबसे अधिक पौराणिक महत्व रखता है। ये मंदिर बागमती नदी के किनारे काठमांडू में स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव की चार मुख वाली प्रतिमा है। यहां तक पहुंचने के लिए चार दरवाजे बने हुए हैं। इस मंदिर को देखने पर आप जान सकते हैं कि इस पर नेपाली वास्तुकला का काफी प्रभाव है। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व हेरिटेज श्रेणी में आता है। वर्तमान में यहां जो मंदिर है, उसका निर्माण 11सदीं का बताया जाता है।
 

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कटासराज मंदिर, पाकिस्तान (Katasraj Temple, Pakistan)

ये मंदिर महाभारत काल का माना जाता है। कटासराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस में एक पहाड़ी पर है। इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार हो चुका है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, कुछ समय पांडव भी इस स्थान पर रूके थे। यहां एक तालाब है, कहते हैं ये तालाब शिवजी के आंसुओं से बना है।
 

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मुन्नेश्वरम मंदिर, श्रीलंका (Munneshwaram Temple, Sri Lanka)

श्रीलंका में भी शिवजी से जुड़े कई धार्मिक स्थल हैं, मुन्नेश्वरम भी इनमें से एक है। ये मंदिर श्रीलंका के मुन्नेश्वर नामक गांव में स्थित है, इसलिए इसे ये नाम दिया गया है। इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली में किया गया है। हर साल लाखों भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर को रामायण काल से जोड़कर देखा जाता है।
 

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