Shivratri August 2025 Date: हर महीने की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इस व्रत में पूरी रात जागकर भगवान शिव की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों में इसका विशेष महत्व बताया गया है। जानें अगस्त 2025 में कब है मासिक शिवरात्रि?
August 2025 Mai Kab Hai Masik Shivratri: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर महीने कईं व्रत किए जाते हैं, मासिक शिवरात्रि भी इनमें से एक है। ये व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। इसे शिव चतुर्दशी भी कहते हैं। इस व्रत का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। महाशिवरात्रि की तरह इस व्रत में भी रात्रि पूजन की परंपरा है। आगे जानिए अगस्त 2025 में ये व्रत कब किया जाएगा?
DID YOU KNOW ?
शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?
शिवरात्रि व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है जबकि महाशिवरात्रि व्रत सिर्फ फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को करते हैं।
25
अगस्त 2025 में कब करें मासिक शिवरात्रि व्रत?
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 अगस्त, गुरुवार की दोपहर 12 बजकर 45 मिनिट से शुरू होगी जो 22 अगस्त, शुक्रवार की सुबह 11 बजकर 56 मिनिट तक रहेगी। चूंकि शिवरात्रि व्रत में रात में पूजा का महत्व है, इसलिए ये व्रत 21 अगस्त को ही किया जाएगा। इस दिन शुभ, अमृत, अमृसिद्धि, गुरु पुष्य और सर्वार्थसिद्धि नाम के 5 शुभ योग दिन भर रहेंगे।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार 22 अगस्त, गुरुवार को भक्त दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें और रात्रि में शिवजी की पूजा करें। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 02 मिनिट से 12 बजकर 46 मिनिट तक रहेगा। ये निशिथ काल का मुहूर्त है जो पूरे 44 मिनिट तक रहेगा।
- 21 अगस्त, गुरुवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें। - दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें। मुहूर्त से पहले पूजा की पूरी तैयारी कर लें। - रात में शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें। सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक जल से करें। - इसके बाद फिर गाय के दूध से अभिषेक कर पुन: एक बार जल से अभिषेक करें। - महादेव को फूल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। बिल्व पत्र, धतूरा आदि चीजें भी चढ़ाएं। - पूजा के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। भगवान को भोग लगाएं। - इस तरह पूजा करने के बाद महादेव की आरती करें और रात भर भजन-कीर्तन करें। - 22 अगस्त, शुक्रवार की सुबह ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा दें। - इसके बाद स्वयं भोजन करें। शिवरात्रि के व्रत से महादेव की कृपा बनी रहेगी।
55
भगवान शिव की आरती (Shiv ji Ki aarti Lyrics In Hindi)
जय शिव ओंकारा ऊं जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा ॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे । त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॥ ऊं जय शिव ओंकारा॥
Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।