unique temples of india: राजस्थान के बीकानेर में एक ऐसा जैन मंदिर है जिसकी नींव भरने में पानी की जगह घी का उपयोग किया गया है। ये मंदिर लगभग 500 साल पुराना बताया जाता है। दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं।
Bhandashah Jain Temple Rajasthan Unique Fact: आमतौर पर जब भी किसी ईमारत की नींव भरी जाती है तो इसमें पानी का इस्तेमाल होता है लेकिन राजस्थान के बीकानेर में एक ऐसा जैन मंदिर है जिसकी नींव भरते समय पानी नहीं बल्कि शुद्ध का उपयोग हुआ था। सुनने में ये बात अजीब लगे लेकिन ये सच है। ये मंदिर अपनी सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। आगे जानिए कौन-सा है ये जैन मंदिर और इससे जुड़ी अन्य रोचक बातें…
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किस मंदिर की नींव घी से भरी गई?
राजस्थान के बीकानेर में स्थित है भांडाशाह जैन मंदिर। यही वो मंदिर है जिसकी नींव भरते समय पानी नहीं बल्कि घी का इस्तेमाल किया गया था। यानी सीमेंट, कांक्रीट आदि चीजों को घी में मिलाकर इस मंदिर की नींव भरी गई। ये मंदिर जैनों के 5वें तीर्थंकर भगवान सुमतिनाथ को समर्पित है। ये मंदिर बहुत ही सुंदर है, इसलिए इसे देखने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।
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500 साल पुराना है ये मंदिर
इतिहासकारों के अनुसार, ये मंदिर लगभग 500 साल पुराना है। इसका निर्माण साल 1468 में भांडा शाह नाम के व्यापारी ने शुरू करवाया था। लेकिन मंदिर के पूर्ण होने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई। भांड शाह की मृत्यु के बाद उनकी बेटी ने इस मंदिर को पूरा करने की जिम्मेदारी ली। साल 1541 में ये मंदिर बनकर पूरा हुआ। भांडाशाह जैन द्वारा निर्माण करवाने के कारण इस मंदिर का नाम भांडाशाह पड़ गया। कहते हैं कि भांडाशाह जैन मंदिर की नींव भरने में लगभग 40 हजार किलो का उपयोग हुआ था।
इसकी सुंदरता देखने लायक
इस मंदिर में चारों ओर सुंदर चित्र दिखाई देते हैं और विशेष नक्काशी की गई है। जिसके चलते इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। हाल में इसका जीर्णोद्धार भी किया गया है और यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में है। ये बीकानेर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। भक्तों के साथ-साथ पर्यटक भी इसे देखने यहां आते हैं। महावीर जयंती आदि प्रमुख उत्सवों पर यहां विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है
