Mokshada Ekadashi Vrat Katha: नरक भोग रहे पिता को पुत्र ने कैसे दिलाया मोक्ष? पढ़ें मोक्षदा एकादशी की ये कथा

Published : Dec 01, 2025, 08:53 AM IST
Mokshada Ekadashi Vrat Katha

सार

Mokshada Ekadashi Vrat Katha: 1 दिसंबर, सोमवार को मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस व्रत का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। मान्यता है कि जो भी मोक्षदा एकादशी का व्रत करता है, उसे जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिलती है।

Mokshada Ekadashi Vrat Katha In Hindi: हर साल अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 1 दिसंबर, सोमवार को है। ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इसी तिथि पर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इसका विशेष महत्व माना गया है। इस व्रत के प्रभाव से पितरों का उद्धार भी संभव है। इससे जुड़ी एक रोचक कथा भी है जो स्वयं श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताई थी। आगे पढ़ें मोक्षदा एकादशी की कथा…

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मोक्षदा एकादशी की कथा

किसी समय वैखानस नाम का एक राजा था। वह अपनी प्रजा का संतान की तरह प्रेम करता था। एक दिन राजा ने सपने में अपने पिता को नरक में यातना भोगते हुए देखा। अगले दिन राजा ने ब्राह्मणों को बुलाकर इस सपने का अर्थ पूछा। तब ब्राह्मणों ने कहा कि ‘पर्वत नाम के एक महान तपस्वी ऋषि हैं। वे भूत, वर्तमान और भविष्य तीनों के ज्ञाता हैं। वे आपको इस सपने का अर्थ बता सकते हैं।’

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राजा वैखानस तुरंत पर्वत ऋषि के पास गए और उनसे इस सपने का अर्थ पूछा ‘तुम्हारे पिता ने पूर्व जन्म में अपने पत्नियों के साथ भेदभाव किया था जिसके चलते उन्हें नरक में यातनाएं भोगनी पड़ रही हैं।’
पर्वत ऋषि की बात सुनकर राजा वैखानस ने पिता को नरक से मुक्ति दिलाने का उपाय पूछा। पर्वत ने कहा ‘मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में जो एकादशी आती है, उसे मोक्षदा एकादशी कहते हैं। यह मोक्ष प्रदान करने वाली है। आप परिवार सहित इस एकादशी का व्रत करें और इसका फल अपने पिता को अर्पित कर दें। इससे आपके पिता को नरक से मुक्ति मिल सकती है।’
मोक्षदा एकादशी आने पर राजा वैखानस में अपने परिवार सहित विधि-विधान से मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जिसके पुण्य से उनके पिता को नरक से मुक्ति मिल गई और वे स्वर्ग को चले गए। इस प्रकार जो भी व्यक्ति मोक्षदा एकादशी का व्रत करता है, उसे पितरों का उद्धार होता है और मृत्यु के बाद वह स्वयं भी स्वर्ग को जाता है।

Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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