Navratri 2023 Kalash Sthapna Muhurat: नवरात्रि के पहले दिन करें कलश स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, आरती, मंत्र, कथा और खास डेट्स

Navratri 2023 Kalash Sthapna Muhurat: शारदीय नवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हर साल ये पर्व आश्विन मास में मनाया जाता है। इस पर्व में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस बार ये पर्व अक्टूबर 2023 में मनाया जाएगा।

 

 

Manish Meharele | Published : Oct 13, 2023 11:06 AM IST / Updated: Oct 13 2023, 05:04 PM IST

Kab Se Shuru Hogi Navratri 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इन 9 दिनों में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा से हर इच्छा पूरी हो सकती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। आगे जानिए इस बार नवरात्रि पर्व कब से शुरू हो रहा है और कलश स्थापना के मुहूर्त, उपाय, देवी के रूप, प्रमुख, तिथियां, पूजा विधि, आरती आदि पूरी डिटेल…

कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? (Navratri 2023 Start Date)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व 15 अक्टूबर, रविवार से शुरू होगा, जो 23 अक्टूबर, सोमवार तक मनाया जाएगा। नवरात्रि की महाष्टमी तिथि 22 अक्टूबर, रविवार और महानवमी तिथि 23 अक्टूबर, सोमवार को रहेगी।

नवरात्रि कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त (Navratri 2023 Kalash Sthapna Shubh Muhurat)

अभिजीत मुहूर्त
दोपहर 11.49 से 12.36 तक

स्थिर लग्न मुहूर्त
सुबह -08.57 से 11.16 तक
दोपहर 03.02 से 04.40 तक
रात 07.31 से 09.27 तक

चौघड़िया मुहूर्त
सुबह 07.52 से दोपहर 12.13 तक
दोपहर 01.40 से 03.07 तक
शाम 06.00 से रात 10.40 तक
(सभी मुहूर्त उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मितेश पांडे के अनुसार)

इस विधि से करें कलश स्थापना (Navratri 2023 Kalash Sthapna Mantra-Vidhi)
- जिस स्थान पर कलश स्थापित करना हो उसे गंगा जल या गोमूत्र छिड़ककर पवित्र कर लें। अब लकड़ी का एक बड़ा पटिया रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछा दें।
- धातु का कलश लेकर इसमें शुद्ध जल भरें और इसे पटिए पर इस तरह रखें कि इसे इसे हटना न पड़े। कलश में चंदन, रोली, हल्दी, फूल, दूर्वा आदि चीजें डालें।
- कलश पर कुंकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। इसके ऊपर मौली यानी पूजा का धागा बांधें। कलश पर आम के पत्ते और नारियल रखें। नारियल पर भी तिलक लगाएं।
- ये मंत्र बोलकर कलश स्थापना करें- ऊं नमश्चण्डिकाये। कलश के पास ही देवी का चित्र भी रखें। शुद्ध घी का दीपक लगाएं और इच्छा अनुसार भोग लगाएं।
- 9 दिनों तक रोज इस कलश की पूजा करें और शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इस तरह नवारात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर रोज इसकी पूजा करें।

मां दुर्गा की आरती (Devi Durga Ki Aarti)
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥ जय अम्बे…
माँग सिंदुर विराजत टीको मृगमदको।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको ॥2॥ जय अम्बे.…
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्त-पुष्प गल माला, कण्ठनपर साजै ॥3॥ जय अम्बे…
केहरी वाहन राजत, खड्ग खपर धारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहरी ॥4॥ जय अम्बे…
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥5॥ जय अम्बे…
शुंभ निशुंभ विदारे, महिषासुर-धाती।
धूम्रविलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥ जय अम्बे…
चण्ड मुण्ड संहारे, शोणितबीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥7॥ जय अम्बे…
ब्रह्माणी, रूद्राणी तुम कमलारानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी ॥8॥ जय अम्बे…
चौसठ योगिनि गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा औ बाजत डमरू ॥9॥ जय अम्बे…
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुख हरता सुख सम्पति करता ॥10॥ जय अम्बे…
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।
मनवाञ्छित फल पावत, सेवत नर-नारी ॥11॥ जय अम्बे…
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
(श्री) मालकेतु में राजत कोटिरतन ज्योती ॥12॥ जय अम्बे…
(श्री) अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख सम्पति पावै ॥13॥ जय अम्बे...

नवरात्रि में किस दिन कौन-सी तिथि रहेगी? (Navratri 2023 Mahaashtami-Mahanavmi Dates)
15 अक्टूबर 2023, रविवार- ये नवरात्रि का पहला दिन रहेगा। इस दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाएगी।
16 अक्टूबर 2023, सोमवार- ये नवरात्रि का दूसरा दिन रहेगा। इस दिन देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करें।
17 अक्टूबर 2023, मंगलवार- ये नवरात्रि का तीसरा दिन रहेगा। इस दिन देवी चंद्रघंटा की आराधना की जाएगी।
18 अक्टूबर 2023, बुधवार- ये नवरात्रि का चौथा दिवस रहेगी। इस दिन देवी कूष्मांड की पूजा करने का विधान है।
19 अक्टूबर 2023, गुरुवार- ये नवरात्रि की पंचमी तिथि यानी पांचवां दिन रहेगा। इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाएगी।
20 अक्टूबर 2023, शुक्रवार- इस दिन नवरात्रि की षष्ठी तिथि यानी छठा दिन रहेगा। इस दिन देवी कात्यायनी की पूजा करें।
21 अक्टूबर 2023, शनिवार- ये शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन रहेगा। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा करें।
22 अक्टूबर 2023, रविवार-इस दिन नवरात्रि की अष्टमी तिथि यानी आठवां दिन रहेगा। इस दिन देवी महागौरी की उपासना करनी चाहिए।
23 अक्टूबर 2023, सोमवार- ये शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन यानी नवमी तिथि रहेगी। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा करें।

क्यों मनाते हैं नवरात्रि, जानें इसकी कथा? (Navratri Ki Katha, Kyo Manate Hai Navratri)
देवी पुराण के अनुसार, प्राचीन समय में महिषासुर नाम का एक पराक्रमी दैत्य था। तपस्या के बल पर वरदान पाकर वह देवताओं का सताने लगा और स्वर्ग पर भी अधिकार कर लिया। तब सभी देवता मिलकर शिव, विष्णु और ब्रह्मा के पास गए। त्रिदेवों ने कहा कि ‘आप सभी देवता देवता आदि शक्ति का आवाहन करो। वही इस दैत्य का नाश करने में सक्षम है।’ देवताओं ने मिलकर आदि शक्ति का आवाहन किया। सभी देवताओं ने अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र देवी को समर्पित किए। देवताओं से अस्त्र-शस्त्र पाकर देवी ने महिषासुर को ललकारा। देवी और महिषासुर के बीच 9 दिनों तक युद्ध होता रहा। दसवें दिन देवी ने महिषासुर का वध कर दिया। 9 दिनों तक युद्ध होने के कारण तभी से नवरात्रि पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी जारी है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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