
Kab Kare Navratri Hawan 2025: शारदीय नवरात्रि से जुड़ी अनेक परंपरा हैं, हवन भी इनमें से एक है। धर्म ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि की अंतिम तिथि यानी नवमी पर हवन करना चाहिए, तभी पूजा का पूरा फल मिलता है। इस बार नवरात्रि की अंतिम तिथि 1 अक्टूबर, बुधवार को है। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इस तिथि का महत्व और भी अधिक हो गया है। वैसे तो नवरात्रि हवन किसी योग्य विद्वान ब्राह्मण से करवाना चाहिए लेकिन ऐसा न कर पाएं तो स्वयं भी ये हवन कर सकते हैं। आगे जानें नवरात्रि हवन की विधि, शुभ मुहूर्त व मंत्र…
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सुबह 06:22 से 07:50 तक
सुबह 07:50 से 09:19 तक
सुबह 10:47 से दोपहर 12:16 तक
सुबह 03:13 से शाम 04:42 तक
शाम 04:42 से 06:10 तक
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आम की सूखी लकड़ियां, जौ, शक्कर, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, कर्पूर, चावल, गूलर की छाल और काला तिल, गाय का घी, लौंग, इलायची, गुग्गल, पीपल की छाल, लाल कलावा (पूजा का धागा), 1 सूखा नारियल
- नवमी तिथि पर हवन से पहले देवी मां की पूजा करें, इसके बाद हवन शुरू करें। हवन के लिए किसी साफ स्थान का चयन करें। वहां गंगाजल या गौमूत्र छिड़ककर उसे पवित्र करें। पूरा हवन सामग्री को एक बड़े बर्तन में डालकर मिला लें।
- हवन कुंड तैयार करें और इस पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। इसमें आम की सूखी लकड़ियां जमाकर कर्पूर से इसे जला लें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्रों को एक-एक कर बोलते हुए थोड़ी-थोड़ी हवन सामग्री अग्नि में डालते जाएं-
ओम आग्नेय नम: स्वाहा
ओम गणेशाय नम: स्वाहा
ओम गौरियाय नम: स्वाहा
ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
ओम हनुमते नम: स्वाहा
ओम भैरवाय नम: स्वाहा
ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
ओम शिवाय नम: स्वाहा
ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा
स्वधा नमस्तुति स्वाहा
- अब ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः स्वाहा मंत्र 108 बार बोलकर थोड़ी-थोड़ी हवन सामग्री अग्नि में डालते रहें। अंत में सूखे नारियल पर लाल कलावा बांधकर इसे अग्निकुंड में डाल दें। नीचे लिखे मंत्र बोलते हुए पुन: आहुति दें…
ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा
(पूरी हवन सामग्री अग्नि कुंड में डाल दें।)
- इस तरह हवन पूरा होने के बाद आरती करें और अगर मन में कोई मनोकामना है तो इसके लिए माता से प्रार्थना करें। इस तरह नवरात्रि हवन करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।