Navratri Kanya Pujan 2025: नवरात्रि में कन्या पूजन को लेकर न हों कन्फ्यूज, नोट कर लें अष्टमी और नवमी की सही डेट

Published : Sep 27, 2025, 04:58 PM IST
Navratri Kanya Pujan 2025

सार

नवरात्रि 2025 में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। अष्टमी 30 सितंबर और नवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ये दिन देवी महागौरी की पूजा, हवन और कन्यादान के लिए शुभ मुहूर्त हैं। सही विधि-विधान से पूजा करने से सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

Navratri Kanya Pujan Date 2025: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की अष्टमी को लेकर काफी असमंजस की स्थिति है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नवरात्रि एक दिन आगे बढ़ा दी गई है। खबरों के अनुसार, नवरात्रि की चतुर्थी तिथि 25 और 26 सितंबर दोनों दिन पड़ेगी। इसलिए अष्टमी 29 की बजाय 30 सितंबर को मनाई जाएगी। आइए नवरात्रि की अष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी जी से जानते हैं-

नवरात्रि अष्टमी 2025 तिथि और समय

  • नवरात्रि अष्टमी 2025 - 30 सितंबर, 2025, मंगलवार
  • अष्टमी तिथि प्रारंभ - 29 सितंबर, 2025 शाम 4:31 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त - 30 सितंबर, 2025 शाम 6:06 बजे

महाअष्टमी पर किस देवी की होती है पूजा

महाअष्टमी पर देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। कई लोग इस दिन हवन और कन्या पूजन भी करते हैं। जो लोग अष्टमी व्रत रखते हैं, वे सप्तमी को व्रत रखते हैं और अष्टमी पर कन्या पूजन के बाद अपना व्रत तोड़ते हैं।

कन्या पूजन कैसे किया जाता है?

कन्या पूजन के दिन, घर आई नवविवाहिता के पैर सबसे पहले धोए जाते हैं। फिर उन्हें एक साफ आसन पर बिठाया जाता है। उनके माथे पर तिलक लगाया जाता है और हाथों पर पवित्र धागा बाँधा जाता है। फिर उन्हें भोजन कराया जाता है। इस दिन कन्याओं को हलवा, पूरी और चने का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद उन्हें उपहार या दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

दुर्गा अष्टमी का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके परिणामस्वरूप उनका रंग सांवला हो गया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर, शिव ने उन्हें गंगा के पवित्र जल में स्नान कराया और उनका रंग पुनः बहाल कर दिया। कहा जाता है कि तभी से उन्हें महागौरी कहा जाने लगा। ऐसा माना जाता है कि दुर्गा अष्टमी का व्रत रखने वालों को सौभाग्य और सफलता प्राप्त होती है।

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महाअष्टमी पर क्या करें और क्या न करें

  • अपने घर और पूजा स्थल को साफ़ रखें
  • शुभ और चमकीले रंग पहनें
  • सकारात्मक विचार और भक्ति बनाए रखें
  • बुज़ुर्गों, महिलाओं और बच्चों का सम्मान करें
  • काले कपड़े न पहनें और न ही झगड़ा करें
  • मांसाहारी या तामसिक भोजन से बचें
  • इस दिन पूजा और भक्ति से भक्तों को अपने जीवन में शुद्धि, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

महाअष्टमी के रंग और मंत्र

मां महागौरी का रंग गुलाबी माना जाता है, जो प्रेम, स्नेह और सद्भाव का प्रतीक है। मंत्रों में शामिल हैं -

  • ॐ दुर्गायै नमः
  • ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महागौरी दुर्गायै नमः
  • ॐ दुं दुर्गायै नमः

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Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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