Dussehra 2025: रावण राक्षसों का राजा था और लंकापुरी में रहता था। ये बात तो सभी जानते हैं लेकिन ये बात बहुत कम लोगों को पता है कि रावण जन्म से ब्राह्मण था। ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के बाद भी वह राक्षस का राजा कैसे बना? ये बहुत रोचक कथा है।
Interesting facts about Ravana: हर साल शारदीय नवरात्रि के अगले दिन यानी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजयादशमी उत्सव मनाया जाता है, जिसे दशहरा भी कहते हैं। इस दिन देश भर में बुराई के प्रतीक के रूप रावण के पुतलों का दहन किया जाता है। इस बार दशहरा उत्सव 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। राक्षसों के राजा रावण से जुड़ी अनेक रोचक बातें धर्म ग्रंथों में बताई गई हैं। रावण के बारे में कहा जाता है कि उसका जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था, तो फिर वह राक्षसों का राजा कैसे बना? आगे जानिए रावण से जुड़ी ऐसी ही रोचक बातें…
ये भी पढ़ें-
Dussehra 2025: दशहरे पर क्यों होती है शमी वृक्ष की पूजा? जानिए इस दिन पत्ते बांटने की क्या है परंपरा
ब्रह्मा के कुल में हुआ था रावण का जन्म
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, रावण का जन्म सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा के कुल में हुआ था। ब्रह्मा के मानस पुत्र थे ऋषि पुलस्त्य। इनकी पत्नी का नाम हविर्भू था। इनके 2 पुत्र हुए, जिनके नाम महर्षि अगस्त्य और विश्रवा मुनि था। महर्षि विश्रवा की 2 पत्नियां थीं जिनमें से एक का नाम इड़विड़ा था और दूसरी का नाम कैकसी था। कैकसी राक्षस जाति की थी। कैकसी के गर्भ से ही रावण, विभीषण, कुंभकर्ण और शूर्पणखा का जन्म हुआ। इस तरह ब्रह्मा के कुल में जन्म लेने से रावण ब्राह्मण जाति का था।
ये भी पढ़ें-
Navratri 2025: क्या आज भी जीवित हैं महिषासुर के वंशज? जानें इस दावे का सच
रावण कैसे बना राक्षसों का राजा?
रावण, विभिषण, कुंभकर्ण और शूर्पणखा का बाल्यकाल अपनी माता कैकसी और नाना सुमाली के साथ बीता। राक्षसों के साथ रहने के कारण ही विभीषण को छोड़ अन्य तीनों में राक्षसों के समान गुण थे। रावण शुरू से ही पराक्रमी योद्धा था। जिस समय रावण युवा हुआ उस समय देवता अधिक शक्तिशाली थे और वे राक्षसों को युद्ध में बार-बार पराजित कर देते थे। ये देख रावण ने राक्षसों का साथ दिया और अपने पराक्रम से देवताओं पर विजय प्राप्त की। रावण के पराक्रम को देखकर राक्षसों ने उसे ही अपना राजा मान लिया।
रावण ने अपने भाई से छिनी लंका
रावण के पिता महर्षि विश्रवा की एक अन्य पत्नी इड़विड़ा थी, जिससे एक पुत्र पैदा हुआ वह वैश्रवण कहलाया। तपस्या करके वैश्रवण ने धनपति का पद प्राप्त किया और कुबेरदेव कहलाए। लंका में राक्षसों से पहले कुबेर का ही निवास था। जब रावण विश्व विजय करने निकला तो उसने सबसे पहले लंका पर पर आक्रमण कर अपने भाई कुबेर को ही पराजित किया और लंका पर अधिकार कर लिया।
मेघनाद था रावण का सबसे बड़ा पुत्र
धर्म ग्रंथों के अनुसार रावण की कईं पत्नियां थीं, उन सभी में मंदोदरी और धन्यमालिनी प्रमुख थीं। मेघनाद मंदोदरी का पुत्र था, जिसने इंद्र को भी पराजित कर दिया था, इसलिए इसका एक नाम इंद्रजीत हुआ। धन्यमालिनी का पुत्र अतिकाय था जो महान बलशाली था। इनके अलावा अक्षय कुमार, महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष, त्रिशिरा और नरांतक-देवांतक आदि भी रावण के ही पुत्र थे।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
