Navratri 2025: अष्टमी या नवमी किस दिन करें कन्या पूजन? जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त

Published : Sep 19, 2025, 12:27 PM IST
Kanya Pujan 2025 Date

सार

नवरात्रि 2025 में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस वर्ष अष्टमी 30 सितंबर और महानवमी 1 अक्टूबर को है। परंपरागत रूप से, दोनों दिन पूजन किया जा सकता है। कन्याओं को विधिपूर्वक भोजन, पूजन और उपहार देने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं।

Kanya Pujan 2025: नवरात्रि का पर्व पूरे देश में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। देवी दुर्गा की पूजा के नौ दिनों के दौरान, भक्त उपवास रखते हैं, दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं और हर दिन देवी के एक अलग रूप की पूजा करते हैं। नवरात्रि के अंतिम दिनों में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि कन्याओं का पूजन और उन्हें भोजन कराने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को अनंत सुख, समृद्धि और मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। आइए उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा से जानें 2025 में कन्या पूजन कब शुभ है, इसका महत्व और सही विधि।

Mahanavami 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

  • पंचांग के अनुसार, इस वर्ष महानवमी का पर्व 1 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
  • नवमी तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर 2025, शाम 6:06 बजे
  • नवमी तिथि समाप्त: 1 अक्टूबर 2025, शाम 7:01 बजे
  • इस वर्ष कन्या पूजन का शुभ संयोग अष्टमी और नवमी तिथि दोनों को पड़ रहा है। आप अपनी परंपरा के अनुसार 30 सितंबर (अष्टमी) या 1 अक्टूबर (नवमी) को कन्या पूजन कर सकते हैं।

कन्या पूजन की सही विधि (Correct Method of Kanya Pujan)

  • कन्याओं का चयन: पूजा के लिए 2 से 10 वर्ष की आयु की नौ कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें। बालक को हनुमान जी या भैरव बाबा का रूप माना जाता है।
  • स्वागत और सम्मान: कन्याओं के आने पर उनके पैर धोकर उन्हें स्वच्छ आसन पर बिठाएं। उनका स्वागत और सम्मान करना बहुत जरूरी है।
  • पूजा: सबसे पहले सभी कन्याओं के माथे पर सिंदूर और चावल लगाएं। इसके बाद, उनके हाथों पर पवित्र धागा बांधें और उन्हें पुष्प अर्पित करें।
  • भोजन: कन्याओं को पूरी, हलवा और चने खिलाएं। भोजन के बाद, उन्हें दान और उपहार देकर विदा करें। आप स्कूल से जुड़ी चीज़ें, खिलौने या कपड़े उपहार में दे सकते हैं।
  • विदाई: कन्याओं के चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद लें। फिर, उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करें।
  • इस प्रकार, विधि-विधान से किया गया कन्या पूजन देवी दुर्गा को प्रसन्न करता है और उनके आशीर्वाद से भक्तों को जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

ये भी पढ़ें- Tulsi Vivah 2025: क्यों करते हैं तुलसी विवाह, इस बार कब है, 1 या 2 नवंबर? जानें सही डेट

कन्या पूजन का महत्व

कन्या पूजन में देवी के स्वरूप के रूप में नौ कन्याओं की पूजा की जाती है। ये नौ कन्याएं देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक हैं। धार्मिक मान्यता है कि कन्या पूजन से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। इससे घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है।

ये भी पढ़ें- Dussehra 2025 Vastu Tips: दशहरे पर करें ये 3 आसान उपाय, परिणाम जानकर हैरान रह जाएंगे आप

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Akhurath Chaturthi 2025: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब, 7 या 8 दिसंबर? जानें मुहूर्त-मंत्र सहित पूरी विधि
Religious Story: भगवान विष्णु की कितनी पुत्रियां हैं, क्या हैं इनका नाम? जानें रोचक कथा