Navratri 2025 Day 8 Puja: कैसे करें माता महागौरी की पूजा, जानिए क्या लगाएं भोग प्रसाद

Published : Sep 29, 2025, 11:58 PM IST
Navratri 2025 Mahagauri Puja

सार

नवरात्रि 2025 की अष्टमी पर देवी महागौरी की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है। श्वेत वस्त्रधारी देवी के दर्शन और उन्हें भोग लगाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जानिए देवी महागौरी की दिव्य पूजा विधि, मंत्र और कथा।

Shardiya Navratri 2025 Day 8 Maa Mahagauri: महाअष्टमी को नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है, क्योंकि इसी दिन देवी भगवती के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार, देवी का यह दिव्य रूप अत्यंत तेजस्वी है और इनकी पूजा से शीघ्र फल प्राप्त होता है। मां महागौरी को देवी महादेवी की अर्धांगिनी के रूप में भी पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, देवी उस पर प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं। भक्त को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। आइए जानें नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर माँ महागौरी की पूजा विधि और मंत्र के बारे में।

मां महागौरी का स्वरूप क्या है?

हिंदू मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के आठवें दिन पूजी जाने वाली देवी महागौरी की चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाएं आशीर्वाद मुद्रा में हैं और दूसरी भुजा में शस्त्र हैं। देवी का रंग श्वेत है, जिससे उनका स्वरूप अत्यंत आकर्षक और कांतिमय है। श्वेत वस्त्र धारण करने वाली देवी महागौरी वृषभ पर सवार हैं।

महागौरी की पूजा विधि

नवरात्रि के आठवें दिन, देवी दुर्गा के भक्तों को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए। इसके बाद, उन्हें व्रत का संकल्प लेना चाहिए और देवी महागौरी की पूजा करनी चाहिए। फिर, घर के उत्तर-पूर्व कोने में देवी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और उसे पवित्र जल से स्नान कराएँ। इसके बाद देवी को सफेद फूल अर्पित करें। देवी के मंत्र और उनके स्तोत्र का पाठ करते हुए, उन्हें धूप, दीप, चंदन, रोली, फल और मिठाई अर्पित करें।

महागौरी माता का भोग प्रसाद

नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी माता को नारियल और नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी महागौरी को नारियल का भोग लगाने से सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

प्रार्थना मंत्र

श्वेते वृषे समारुधा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान् महादेव प्रमोददा।

देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्कार नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमः।

स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

मंत्र जाप करें

ॐ देवी महागौर्यै नमः।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नमः।

मां महागौरी की कथा

हिंदू मान्यता के अनुसार, जब देवी सती भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या कर रही थीं, तब उनके पूरे शरीर पर कीचड़ जम गया था। इसके बाद जब महादेव प्रसन्न हुए और उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करने का आशीर्वाद दिया, तो देवी ने गंगा जल से स्नान किया और उसके बाद उनका स्वरूप अत्यंत उज्ज्वल दिखाई देने लगा। मां के गौर वर्ण को देखकर महादेव ने उन्हें महागौरी कहा। तब से लेकर आज तक भक्त महागौरी के नाम से उनकी पूजा करते हैं।

देवी महागौरी की पूजा विधि

हिंदू मान्यता के अनुसार, जो भक्त नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। देवी महागौरी को प्रसन्न करने के लिए, भक्तों को इस दिन उन्हें सफेद फूल, जैसे रातरानी का फूल, अर्पित करना चाहिए। इसी प्रकार, देवी महागौरी को उनका प्रिय भोग नारियल अर्पित करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि देवी महागौरी को नारियल और नारियल से बने भोग बहुत प्रिय हैं। आप चाहें तो अष्टमी के दिन देवी महागौरी को खीर बनाकर भी भोग लगा सकते हैं।

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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