Shiv Bhajan Lyrics in Hindi: भगवान शिव की भक्ति का महीना सावन इस बार 22 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 19 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में शिवजी के भजन जरूर सुने जाते हैं। आगे जानिए ऐसे ही 10 प्रसिद्ध शिव भजन।
इस वार सावन मास 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा। सावन मास में शिवजी की पूजा का विशेष महत्व है। इस महीने में हर कोई अपने-अपने तरीकों से महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास करता है। भजन गाकर भी शिवजी को प्रसन्न किया जा सकता है। सावन में सुबह की शुरूआत यदि शिव भजनों से हो तो दिन अच्छा गुजरता है। आगे पढ़िए शिवजी के ऐसे ही 10 सुपरहिट भजन जो आपको भोले की भक्ति में खोने पर मजबूर कर सकते हैं…
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा
पार्वती जब सीता बन कर
जय श्री राम के सम्मुख आई
राम ने उनको माता कहकर
शिव शंकर की महिमा गायी
शिव भक्ति में सब कुछ सूझा
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा
तेरी जटा से निकली गंगा
और गंगा ने भीष्म दिया है
तेरे भक्तों की शक्ति ने
सारे जगत को जीत लिया है
तुझको सब देवोँ ने पूजा
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा
मन मेरे मंदिर शिव मेरी पूजा
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा
बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाये जा
ओम नमः शिवाय नमो
ओम नमः शिवाय नमो ….
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
तेरा सुना पड़ा रे कैलाश
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
अंगो पे विभूति गले में माला
पहने है शंकर भोला
तुम हो सबका पालन हार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
माथे पे चंदा जटा में गंगा
जटा से बहती धारा
सबका करता तू बेडा पार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
हाथों में डमरू पास में त्रिशूल
नंदी पे करता सवारी
सबका तू है पालनहार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
सजा दो घर को गुलशन सा
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे भोलेनाथ आये है
लगी कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे भोलेनाथ आये है
पखारो इनके चरणों को
बहाकर प्रेम की गंगा
बिछा दो अपनी पलकों को
मेरे भोलेनाथ आये है
उमड़ आयी मेरी आँखे
देखकर अपने बाबा को
हुयी रोशन मेरी गलिया
मेरे भोलेनाथ आये है
तुम आकर फिर नही जाना
मेरी इस सुनी दुनिया से
कहू हरदम यही सबसे
मेरे भोलेनाथ आये है
लगी कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे भोलेनाथ आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे भोलेनाथ आये है
हे शम्भु बाबा मेरे भोलेनाथ
तीनो लोक में तू ही तू
श्रद्धा सुमन मेरा मन बेलपत्री
जीवन भी अर्पण कर दू
जग का स्वामी है तू अंतरयामी है तू
मेरे जीवन की अनमिट कहानी है तू
तेरी शक्ति अपार तेरा पावन है द्वार
तेरी पूजा मेरा जीवन आधार
धुल तेरे चरणों की लेकर
जीवन को साकार किया
हे शिव शंकर मेरे भोलेनाथ …
तीनो लोक में तू ही तू
मन में है कामना और कुछ जानू ना
जिंदगी भर करू तेरी आराधना
सुख की पहचान दे तू मुझे दे
प्रेम सबसे करू ऐसा वरदान दे
तूने दिया बल निर्बल को
अज्ञानी को ज्ञान दिया
हे शिव शंकर मेरे भोलेनाथ..
हे शम्भु बाबा मेरे भोलेनाथ
तीनो लोक में तू ही तू
श्रद्धा सुमन मेरा मन बेलपत्री
जीवन भी अर्पण कर दू
ये तेरा करम है भोले मेरी बात जो बनी है
ये तेरा करम है भोले मेरी बात जो बनी है
हुए तेरे मुरीद हम है मेरी बात जो बनी है
मुझे खाक से उठाके फ़लक पे बिठा दिया है
किस्मत का खोटा सिक्का तूने चला दिया है
ये रहमत क्या कम है भोले मेरी बात जो बनी है
ये तेरा करम है भोले मेरी बात जो बनी है
मेरी जिंदगी ये भोले पहले नही थी आसान
दर तेरे जब से आया पलटा दिया है पासा
तेरे दर्शन में दम है भोले मेरी बात जो बनी है
ये तेरा करम है भोले मेरी बात जो बनी है
ये तेरा करम है भोले मेरी बात जो बनी है
हुए तेरे मुरीद हम है मेरी बात जो बनी है
सजे है अंबर सजी है धरती
सजी पुरी आकाश जी
गौरा जी को लेने आए मेरे भोलेनाथ जी
घुंघट में चंदा सी लगे मेरी मैया पार्वती
मन मोहक सा रूप है लगे मेरे भोलेनाथ की
मिलन की मंगल घड़ी है आई शक्ति शिव के साथ जी
गौरा जी को लेने आये मेरे भोलेनाथ जी
सजे है काशी सजी उज्जैनी
सजी पुरी कैलाश जी
गौरा जी को लेने ऐ मेरे भोलेनाथ जी
थामा हाथ मा गौरा का मेरे भोलेनाथ ने
बचन दिया है साथ रहेंगे हर मुश्किल हालत में
मिलन की मंगल घड़ी है आई शक्ति शिव के साथ जी
गौरा जी को लेने ऐ मेरे भोलेनाथ जी
सजी हिमाचल सजी हिमालय
सजी पुरी बरात जी
गौरा जी को लेने ऐ मेरे भोलेनाथ जी
सात फिरो से आज बनेगी पार्वती भोलेनाथ की
पुष्प की वर्षा देव करे है नमन करे हर बार जी
मिलन की मंगल घड़ी है आई शक्ति शिव के साथ जी
गौरा जी को लेने ऐ मेरे भोलेनाथ जी
सजे है अंबर साजी है धरती
सजी पुरी आकाश जी
गौरा जी को लेने आए
सांसो की माला पे
सिमरु मै शिव का नाम
अब तो दुनियादारी से है
मेरा क्या काम
शिव के रंग में ऐसी डूबा
बन गया एक ही रूप
शिव की माला जपते जपते
हो गयी सुबह श्याम
सांसो की माला पे…
शिवजी मेरे दिल में बसे है
संग रहे दिन रात
अपने मन की मै जानू
सब के मन की राम
सांसो की माला पे
शिवजी मेरे अंतरयामी
शिवजी मेरे स्वामी
शिवजी के चरणों में अर्पण
ये जीवन तमाम
सांसो की माला पे…
प्रेम पियाला जबसे पिया है
जी का है ये हाल
अंगारों पे नींद आ जाए
और कांटो पे आराम
सांसो की माला पे…
सांसो की माला पे
सिमरु मै शिव का नाम
अब तो दुनियादारी से है
मेरा क्या काम
सांसो की माला पे
सिमरु मै शिव का नाम
तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं
तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं
मेरे भोले ओ बम भोले मैं काशी नगरी आई हूं
तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं
सुना है हमने ओ भोले तेरी काशी में मुक्ति है
उसी गंगा में नहाने को मैं काशी नगरी आई हूं
तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं
सुना है हमने ओ भोले तेरी काशी में गंगा है
उसी गंगा को पाने को मैं काशी नगरी आई हूं
तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं
सुना है हमने ओ भोले तेरी काशी में मन्दिर है
उसी मन्दिर में पूजा को काशी नगरी आई हूं
तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे यह शुभ काम
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे यह शुभ काम ।
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन धाम ।
देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम ॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
शिव के चरणों में मिलते सारी तीरथ चारो धाम ।
करनी का सुख तेरे हाथों, शिव के हाथों में परिणाम ॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम ।
शिव को भजले सुख पायेगा, मन को आएगा आराम ॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
तेरा सुना पड़ा रे कैलाश
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
अंगो पे विभूति गले में माला
पहने है शंकर भोला
तुम हो सबका पालन हार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
माथे पे चंदा जटा में गंगा
जटा से बहती धारा
सबका करता तू बेडा पार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
हाथों में डमरू पास में त्रिशूल
नंदी पे करता सवारी
सबका तू है पालनहार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
ये भी पढ़ें-
Sawan 2024 में कितने सोमवार, 4 या 5? आज ही नोट करें डेट्स
Sawan 2024: कब है नागपंचमी और रक्षाबंधन? देखें सावन के व्रत-त्योहारों की लिस्ट
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।