Sawan 2024: इस 1 मंत्र के जाप से मिलता है 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा का फल

Published : Aug 11, 2024, 09:07 AM IST
sawan 2024

सार

Sawan 2024: सावन मास में भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। वैसे तो हमारे देश में भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं, लेकिन इन सभी में 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है। 

Sawan 2024 Upay: सावन मास में यदि भगवान शिव के मंत्रों का जाप विधि-विधान से किया जाए तो हर इच्छा पूरी हो सकती है। वैसे तो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों की रचना की गई है, इन्हीं में से एक है- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति। इस स्तुति का पाठ करने से 12 ज्योतिर्लिगों की पूजा का फल एक साथ मिलता है। ये स्तुति और इसकी पाठ विधि इस प्रकार है…

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति (Dwadash Jyotirlinga Stuti)
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम् ॥1॥
परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥
वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।
हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥

अर्थ - सौराष्ट्र में सोमनाथ, श्रीशैल पर मल्लिकार्जुन, उज्जैन में महाकाल, ओंकार तीर्थ में परमेश्वर, हिमालय के शिखर पर केदार, डाकिनी में भीमशंकर, वाराणसी में विश्वनाथ, गोदावरी के तट पर त्र्यंबक, चिता भूमि में वैद्यनाथ, दारूकावन में नागेश, सेतुबंध में रामेश्वर और शिवालय में घुश्मेश्वर का स्मरण करें। जो प्रतिदिन प्रात: काल उठकर इन बारह नामों का पाठ करता है वह सब पापों से मुक्त हो जाता है।

कैसे करें द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति पाठ?
- वैसे तो द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति का कभी भी किया जा सकता है, लेकिन सावन में इसके पाठ का विशेष महत्व है। इस बार सावन मास 19 अगस्त तक रहेगा।
- सावन में रोज सुबह या हर सोमवार को स्नान आदि करने के बाद किसी शिव मंदिर में या घर पर ही शिवजी की पूजा करें। पहले शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- शिवजी को धतूरा, बिल्व पत्र आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं। इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर इस स्तुति का पाठ मन ही मन में करें।
- द्वादश ज्योतिर्लिंग का पाठ कम से कम 11 या 21 बार करें। इस स्तुति का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और हर इच्छा पूरी हो सकती है।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।


 

 

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