Shardiya Navratri 2025: 23 सितंबर को करें देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें मंत्र-मुहूर्त सहित पूरी डिटेल

Published : Sep 22, 2025, 02:28 PM IST

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन यानी द्वितिया तिथि पर मां ब्रह्माचारिणी की पूजा करने का विधान है। इस बार ये तिथि 23 सितंबर, मंगलवार को है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

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जानें देवी ब्रह्मचारिणी से जुड़ी हर बात

Navratri 2025 Devi Brahmacharini Puja Vidhi: नवरात्रि के 9 दिनों में रोज देवी के अलग रूप की पूजा की जाती है। इसी क्रम में दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की परंपरा है। देवी ब्रह्मचारिणी तप की शक्ति का प्रतीक हैं। देवी मां का ये स्वरूप बहुत ही सौम्य और शांत है। तपस्या करने के कारण ही देवी का नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। आगे जानिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मंत्र और आरती सहित पूरी डिटेल…


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23 सितंबर 2025 के शुभ मुहूर्त

सुबह 09:19 से 10:49 तक
सुबह 10:49 से दोपहर 12:19 तक
दोपहर 11:55 से 12:43 तक (अभिजीत मुहूर्त)
दोपहर 12:19 से 01:49 तक
दोपहर 03:18 से शाम 04:48 तक


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देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा (Devi Brahmacharini Ki Puja Vidhi)

ऊपर बताए गए किसी एक शुभ मुहूर्त में घर में किसी साफ स्थान पर देवी ब्रह्मचारिणी की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले देवी को तिलक लगाएं, फूलों की माला चढ़ाएं और दीपक लगाएं। अबील, गुलाल, रोली, जनेऊ, सुपारी, लौंग, फूल, फल, नारियल आदि चीजें चढ़ाएं। देवी ब्रह्मचारिणी को गन्ने का भोग लगाएं। गन्ना न हो तो गुड़ या शक्कर का भोग भी लगा सकते हैं। इसके बाद आरती करें। संभव हो तो नीचे लिखे मंत्र का जाप 108 बार करें-
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।

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ब्रह्माचारिणी देवी की आरती लिरिक्स हिंदी में

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर। जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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