Vijaya Ekadashi 2023: 16 फरवरी को न कर पाएं एकादशी व्रत तो करें बस ये 5 काम, हर काम में मिलेगी सफलता

Vijaya Ekadashi 2023 Upay: इस बार 16 फरवरी को विजया एकादशी व्रत किया जाएगा। इस व्रत का महत्व कई धर्म ग्रंथों में मिलता है। मान्यता के अनुसार, ये व्रत भगवान श्रीराम ने भी किया था, जिसके प्रभाव से उन्होंने रावण का वध करने में सफलता प्राप्त की।

 

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2023) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 16 फरवरी, गुरुवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत करने से हर काम में विजय यानी सफलता प्राप्त होती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, गुरुवार और एकादशी का योग बहुत ही शुभ होता है। इस शुभ योग में यदि कुछ उपाय किए जाएं तो हर काम में विशेष फायदे हो सकते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…


विष्णु चालीसा का पाठ करें
विजया एकादशी पर सुबह या शाम को स्नान आदि करने के बाद विधि-विधान से विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके पहले शुद्ध घी का दीपक जरूर जलाएं और बैठने के लिए ऊनी आसन का उपयोग करें। विष्णु चालीसा का पाठ करने से आपकी हर परेशानी का हल आसानी से हो सकता है और सफलता भी प्राप्त हो सकती है।

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नदी में दीपक प्रवाहित करें
कई विशेष मौकों पर नदी में दीपक जलाकर प्रवाहित किए जाते हैं। ये काम आप विजया एकादशी पर भी कर सकते हैं। शाम को किसी नदी के किनारे जाकर पहले भगवान विष्णु का स्मरण करें और दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित कर दें। इससे आपके पितरों को भी शांति मिलेगी।


जरूरतमंदों की मदद करें
एकादशी तिथि पर जरूरतमंदों की मदद जरूर करनी चाहिए। इन्हें कच्चा अनाज, पका हुआ भोजन, कपड़े आदि का दान करें। इतना सब संभव न हो तो किसी के अन्नक्षेत्र में भी गेहूं, चावल, दाल आदि चीजों का दान कर देनी चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।


ब्राह्मण को फलाहार करवाएं
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ब्राह्मणों की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा के मुख से हुई है, इसलिए वे पूजनीय हैं। विजया एकादशी पर किसी कर्म कांडी व योग्य ब्राह्मण को ससम्मान घर बुलाएं और फलाहार करवाएं। फलाहार यानी फल, दूध या उपवास के दौरान खाई जाने वाली चीजें। इसके बाद उन्हें कुछ दक्षिण देकर ससम्मान विदा करें।


पीपल पर जल चढ़ाएं
पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है और गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फल पाने के लिए भी इसकी पूजा की जाती है। विजया एकादशी पर पीपल के पेड़ पर हल्दी मिश्रित जल चढ़ाएं और शुद्ध घी की दीपक भी जलाएं। इस उपाय से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

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