Kab Hai Hanuman Jayanti 2024: हर साल चैत्र महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसे हनुमान जयंती भी कहते हैं। इस बार ये पर्व अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह में मनाया जाएगा।
Hanuman Jayanti 2024 Date: चैत्र मास का अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि बहुत ही खास होती है, क्योंकि इस दिन पूरे दिन में भगवान हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, त्रेतायुग में इसी तिथि पर हनुमानजी का जन्म हुआ था। हनुमानजी के जन्म से जुड़ी अनेक कथाएं धर्म ग्रंथों में बताई गई है। इस दिन हनुमान मंदिरों में विशेष सजावट की जाती है व अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। जानें इस बार कब है हनुमान जयंती और कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे इस दिन…
कब है हनुमान जयंती 2024? (When is Hanuman Jayanti 2024?)
पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल, मंगलवार की तड़के 03:26 से शुरू होगी, जो 25 अप्रैल, गुरुवार की सुबह 05:18 तक रहेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चूंकि पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 23 अप्रैल, मंगलवार को होगा, इसलिए इसी दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
हनुमान जयंती पर मंगलवार का दुर्लभ संयोग (Hanuman Jayanti 2024 Shubh Yog)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी का जन्म चैत्र पूर्णिमा पर मंगलवार के दिन ही हुआ था। इस बार भी ऐसा ही दुर्लभ संयोग बन रहा है। मंगलवार को जन्म होने के कारण ही इस दिन हनुमानजी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। कईं दशकों में एक बार मंगलवार को हनुमान जयंती का पर्व आता है। मंगलवार को जन्म लेने के कारण ही इनका एक नाम मंगलमूर्ति भी है।
हनुमान जयंती 2024 शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2024 Shubh Muhurat)
वैसे तो हनुमान जयंती पर पूरे दिन हनुमानजी की पूजा की जा सकती है, लेकिन ये काम यदि मुहूर्त देखकर किया जाए तो और भी अधिक शुभ फलों की प्राप्ति संभव है। आगे जानिए हनुमान जयंती 2024 पूजा के शुभ मुहूर्त…
- सुबह 09:14 से 10:49 तक
- सुबह 10:49 से दोपहर 12:25 तक
- दोपहर 12:25 से दोपहर 02:00 तक
- दोपहर 03:36 से शाम 05:11 तक
ये भी पढ़ें-
Sankashti Chaturthi 2024: अप्रैल में कब है बड़ी चतुर्थी? जानें सही डेट
प्रेमानंद महाराज: पूरी दुनिया छोड़कर भगवान बार-बार भारत में ही क्यों अवतार लेते हैं?
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।