Ram Mandir Ayodhya Surya Tilak: क्या है राम लला और सूर्यदेव का कनेक्शन, जानें सूर्य तिलक लगाने के पीछे की वजह?

Ram Mandir Ayodhya Surya Tilak: राम मंदिर में राम जन्मोत्सव के लेकर खास तैयारियां की गई है। यहां सबसे बड़ा आकर्षण है राम लला का सूर्य तिलक, जिसमें दोपहर सूर्य की किरणों से राम लला का मस्तक जगमगाएगा।

 

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद पहली बार राम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इसे लेकर राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट ने खास तैयारियां की हैं। पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया है। वहीं दोपहर ठीक 12 बजे राम लला के मस्तक पर सूर्य तिलक किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है। राम लला के मस्तक पर सूर्य तिलक लगाने के पीछे एक नहीं कई कारण हैं। राम नवनी (17 अप्रैल) के मौके पर जानिए सूर्य देव और श्रीराम के बीच क्या कनेक्शन है…

सूर्य वंश में जन्में भगवान श्रीराम
भगवान श्रीराम का सूर्य वंशी कहा जाता है यानी इनका जन्म सूर्य वंश में हुआ था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, ऋषि कश्यप और अदिति से सूर्य देव का जन्म हुआ। सूर्य देव के पुत्र सत्यव्रत मनु से मनुष्यों की उत्पत्ति हुई और इसी वंश की 66वीं पीढ़ी में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। इसलिए ये कहा जा सकता है कि सूर्यदेव भगवान श्रीराम के पूर्वज थे।

Latest Videos

ध्वज पर भी सूर्य का निशान
सूर्य वंशी राजाओं के ध्वज पर सदैव सूर्यदेव का निशान रहता था और वे सूर्यदेव की ही पूजा भी विशेष रूप से करते थे। वाल्मीकि रामायण में भी कई प्रसंगों में श्रीराम द्वारा सूर्यदेव की पूजा का वर्णन मिलता है। सूर्य वंशी अपने मस्तक पर उगते हुए सूर्य का तिलक लगाते थे। इसे ही सूर्य तिलक भी कहा जाता है।

इसलिए सूर्य तिलक का महत्व
लगभग 500 साल बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ है। इसके बाद पहली बार यहां राम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इसे यादगार बनाने के लिए ही सूर्य तिलक की डिजाइन तैयार की गई और आज वो मूर्त रूप ले रहा है। सूर्य वंशी राजा होने के चलते राम लला के मस्तक पर सूर्य तिलक हिंदुओं के लिए गौरव का विषय है।

रामचरित मानस में है वर्णन
राम चरित मानस में भगवान श्रीराम के जन्म का जो वर्णन है, उसमें लिखा गया है कि…
मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ।
रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ।''
अर्थ- जब भगवान राम का जन्म हुआ था, तो सूर्यदेव अति प्रसन्न होकर अपने रथ सहित अयोध्या आए। यहां वे एक महीने तक रुके। ऐसा होने से अयोध्या में एक महीने तक रात ही नहीं हुई। कहने का तात्पर्य है कि एक दिन एक माह के बराबर हो गया।


ये भी पढ़ें-

सूर्य तिलक से पहले राम लला के मस्तक पर कौन-सा खास ‘लेप’ लगाया जाएगा?


Surya Tilak: क्या है सूर्य तिलक, किसने किया डिजाइन, कितनी आई लागत?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह