सार

Chaitra Navratri 2025: इस बार चैत्र नवरात्रि का समापन 6 अप्रैल, रविवार को हो रहा है। इस दिन हवन भी किया जाएगा। जो घर में माता प्रतिमा की स्थापना करते हैं, उन्हें नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि पर हवन जरूर करना चाहिए।

 

Chaitra Navratri 2025: 6 अप्रैल, रविवार को चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। कन्या पूजन के लिए भी ये दिन बहुत श्रेष्ठ माना जाता है। नवरात्रि की अंतिम तिथि होने से इस दिन हवन करने की भी परंपरा है। ये सभी काम शुभ मुहूर्त देखकर करना चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर कई शुभ योग बन रहे हैं। जानें इस दिन कैसे करें हवन व पूरे दिन के शुभ मुहूर्त…

नोट करें 6 अप्रैल, रविवार के शुभ मुहूर्त

6 अप्रैल, रविवार को दिन भर कईं शुभ मुहूर्त रहेंगे। इन शुभ मुहूर्त में आप हवन, पूजा, कन्या पूजन आदि सभी शुभ कार्य कर सकते हैं।
- सुबह 11:08 से दोपहर 01:39 तक (श्रेष्ठ मुहूर्त)
- दोपहर 12:04 से 12:54 तक (अभिजीत मुहूर्त)
- सुबह 09:23 से 10:56 तक
- दोपहर 02:02 से 03:34 तक
- शाम 06:40 से 08:07 तक

नवरात्रि हवन के लिए आवश्यक साम्रगी

चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, कर्पूर, चावल, आम की सूखी लकड़ियां, जौ, शक्कर, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, गूलर की छाल और काला तिल, गाय का घी, लौंग, इलायची, गुग्गल, पीपल की छाल, 1 सूखा नारियल, लाल कलावा (पूजा का धागा)

इस विधि से करें नवरात्रि का हवन

- नवमी के दिन हवन से पहले देवी मां की पूजा करें, इसके बाद हवन शुरू करें। हवन सामग्री को किसी बर्तन में डालकर मिला लें।
- आम की सूखी लकड़ियों को हवन कुंड में रखकर कर्पूर से इसे जला लें। नीचे लिखे मंत्रों को बोलते हुए थोड़ी-थोड़ी हवन सामग्री अग्नि में डालते जाएं-
ओम आग्नेय नम: स्वाहा
ओम गणेशाय नम: स्वाहा
ओम गौरियाय नम: स्वाहा
ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
ओम हनुमते नम: स्वाहा
ओम भैरवाय नम: स्वाहा
ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
ओम शिवाय नम: स्वाहा
ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा
स्वधा नमस्तुति स्वाहा

- अब ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः स्वाहा मंत्र का 108 बार जाप करते हुए हवन सामग्री अग्नि में डालते रहें। अंत में सूखे नारियल के ऊपर लाल कलावा बांधकर इसे अग्निकुंड में डाल दें। नीचे लिखे मंत्रों को बोलते हुए पुन: आहुति दें…
ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा
(जितनी भी हवन सामग्री बची हो, सभी अग्नि कुंड में समर्पित कर दें।)
- हवन पूरा होने के बाद देवी मां के सामने अपने मन की इच्छा प्रकट करें और उसे पूरा करने के लिए प्रार्थना भी भी करें।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।