धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक हिंदू वर्ष में कुल 12 संकष्टी चतुर्थी आती है, लेकिन इनमें से सिर्फ 4 को ही बड़ी चतुर्थी कहते हैं। इन 4 चतुर्थियों का विशेष महत्व पुराणों में बताया गया है।
ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को बड़ी चतुर्थी कहते हैं। ये हिंदू वर्ष की पहली बड़ी चतुर्थी होती है। इस बार ये चतुर्थी व्रत अप्रैल 2024 में किया जाएगा।
पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी तिथि 27 अप्रैल, शनिवार की सुबह 08 बजकर 18 मिनिट से 28 अप्रैल, रविवार की सुबह 08 बजकर 22 मिनिट तक रहेगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, वैशाख कृष्ण चतुर्थी तिथि 27 अप्रैल, शनिवार को पूरे दिन रहेगी। इसलिए इसी दिन संकष्टी चतुर्थी यानी बड़ी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा।
27 अप्रैल, शनिवार को संकष्टी चतुर्थी पर परिघ और शिव के अलावा और भी कईं शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इन शुभ योगों में की पूजा शुभ होती है।
ग्रंथों के अनुसार, एक साल में 4 बड़ी चतुर्थी आती है। पहली चतुर्थी वैशाख में, दूसरी आषाढ़ मास में, तीसरी कार्तिक मास में और चौथी माघ मास में बड़ी चतुर्थी का व्रत किया जाता है।