Shivji Ke Bhajan: महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की भक्ति का पर्व है। इस बार ये उत्सव 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन लोग पूजा व अन्य माध्यमों से शिवजी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। भजन भी इन माध्यमों में से एक है।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (mahashivratri 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 18 फरवरी, शनिवार को है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है साथ ही उपवास आदि माध्यमों से भी शिवजी को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। (Shivji Ke Bhajan) इस दिन लोग भजन गाकर भी शिव की आराधना करते हैं। वैसे तो शिवजी की प्रसन्न करने के लिए अनेक भजन बनाए गए हैं, इनमे से कुछ इस प्रकार हैं…
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
तेरा सुना पड़ा रे कैलाश
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
अंगो पे विभूति गले में माला
पहने है शंकर भोला
तुम हो सबका पालन हार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
माथे पे चंदा जटा में गंगा
जटा से बहती धारा
सबका करता तू बेडा पार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है
हाथों में डमरू पास में त्रिशूल
नंदी पे करता सवारी
सबका तू है पालनहार
तुझे माँ गौरा बुलाती है
आ लौट के आजा भोलेनाथ
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
भोले भोले.. महादेवा..
सबना दा रखवाला ओ शिवजी
डमरूवाला जी डमरू वाला
उपर कैलाश रहंदा भोले नाथजी...
धर्मियो जो तारदे शिवजी
पापिया जो मारदा जी पापिया जो मारदा
बड़ा ही दयाल मेरा भोले अमली
ॐ नमः शिवाय शम्भु ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय शम्भु ॐ नमः शिवाय
महादेव तेरा डमरू डम डम,
डम डम बजतो जाये रे हो महादेवा...
ॐ नमः शिवाय शम्भु
सर से तेरी बेहती गंगा काम मेरा हो जाता चंगा
नाम तेरा जब लेता ता ता ता महादेवा...
मां पियादे घरे ओ गोरा
महला च रहन्दी जी महला च रेहन्दी
विच सम्साना राहंदा भोले नाथ जी
कालेया कुंडला वाला मेरा भोले बाबा
किधर कैलाश तेरा डेरा ओ जी...
सर पे तेरे ओं गंगा मैया विराजे
मुकुट पे चंदा मामा ओं जी
ॐ नमः शिवाय शम्भु ॐ नमः शिवाय
भंग जे पिन्दा ओं शिवजी
धुनी रमान्दा जी धुनी रमान्दा
बड़ा ही तपारी मेरा भोले अमली
मेरा भोला है भंडारी करता नंदी की सवारी
भोलेनाथ रे ओं शंकर नाथ रे
गौरा भांग रगड़ के बोली
तेरे साथ है भूतो की टोली
मेरे नाथ रे शम्भू नाथ रे
ओं भोले बाबा जी दर तेरे मै आया जी
झोली खाली लाया जी खाली झोली भरदो जी
कालिया सर्पा वाला मेरा भोले बाबा
शिखरे कैलाशा विच रहंदा ओं जी
ॐ नमः शिवाय शम्भु ॐ नमः शिवाय
फरियाद मेरी सुनकर भोलेनाथ चले आना
नित ध्यान धरु तेरा बिगड़ी को बना जाना
तुझे अपना समझकर मै फरियाद सुनाता हु
तेरे दर पर आकर मै नित धुनी रमाता हु
क्यों भूल गये भगवन मुझे समझ के बेगाना
फरियाद मेरी सुनकर भोलेनाथ चले आना
मेरी नाव भवर डोले तुम्ही तो खेवैया हो
जग के रखवाले तुम तुम ही तो कन्हैया हो
कर नंदी सवारी तुम भवपार लगा जाना
फरियाद मेरी सुनकर भोलेनाथ चले आना
तुम बिन न कोई मेरा अब नाथ सहारा है
इस जीवन को मैंने तुझ पर ही वारा है
मर्जी है तेरी बाबा अच्छा नही तडपाना
फरियाद मेरी सुनकर भोलेनाथ चले आना
नैनो में भरे आँसू क्यों तरस न खाते हो
क्या दोष हुआ मुझसे मुझे क्यों ठुकराते हो
अब मैहर करो बाबा सुन के मेरा अफसाना
फरियाद मेरी सुनकर भोलेनाथ चले आना
सांसो की माला पे
सिमरु मै शिव का नाम
अब तो दुनियादारी से है
मेरा क्या काम
शिव के रंग में ऐसी डूबा
बन गया एक ही रूप
शिव की माला जपते जपते
हो गयी सुबह श्याम
सांसो की माला पे...
शिवजी मेरे दिल में बसे है
संग रहे दिन रात
अपने मन की मै जानू
सब के मन की राम
सांसो की माला पे
शिवजी मेरे अंतरयामी
शिवजी मेरे स्वामी
शिवजी के चरणों में अर्पण
ये जीवन तमाम
सांसो की माला पे...
प्रेम पियाला जबसे पिया है
जी का है ये हाल
अंगारों पे नींद आ जाए
और कांटो पे आराम
सांसो की माला पे...
सांसो की माला पे
सिमरु मै शिव का नाम
अब तो दुनियादारी से है
मेरा क्या काम
सांसो की माला पे
सिमरु मै शिव का नाम
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम बेल पत्ते लायेंगे
वही बेल हम भोले को चढ़ायेंगे
थाली में फुल और चन्दन होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम गंगा जल लायेंगे
वही गंगाजल हम भोले को चढ़ायेंगे
फिर तो भजन और किर्तन होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम गंगा रेत लायेंगे
वही गंगा रेत हम शिवलिंग बनायेगे
फिर तो भोले का अभिनन्दन होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम भांग धतुरा लायेंगे
वही भांग धतुरा हम भोले को चढ़ाएंगे
फिर तो भोले को भोग लगाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम कांवड़ लेके आयेंगे
कांवड़ लेके आयेंगे हम भोले को मनाएंगे
फिर तो चरणामृत हमको मिलेगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे भोलेनाथ आये है
लगी कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे भोलेनाथ आये है
पखारो इनके चरणों को
बहाकर प्रेम की गंगा
बिछा दो अपनी पलकों को
मेरे भोलेनाथ आये है
उमड़ आयी मेरी आँखे
देखकर अपने बाबा को
हुयी रोशन मेरी गलिया
मेरे भोलेनाथ आये है
तुम आकर फिर नही जाना
मेरी इस सुनी दुनिया से
कहू हरदम यही सबसे
मेरे भोलेनाथ आये है
लगी कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे भोलेनाथ आये है
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे भोलेनाथ आये है
हे शम्भु बाबा मेरे भोलेनाथ
तीनो लोक में तू ही तू
श्रद्धा सुमन मेरा मन बेलपत्री
जीवन भी अर्पण कर दू
जग का स्वामी है तू अंतरयामी है तू
मेरे जीवन की अनमिट कहानी है तू
तेरी शक्ति अपार तेरा पावन है द्वार
तेरी पूजा मेरा जीवन आधार
धुल तेरे चरणों की लेकर
जीवन को साकार किया
हे शिव शंकर मेरे भोलेनाथ ...
तीनो लोक में तू ही तू
मन में है कामना और कुछ जानू ना
जिंदगी भर करू तेरी आराधना
सुख की पहचान दे तू मुझे दे
प्रेम सबसे करू ऐसा वरदान दे
तूने दिया बल निर्बल को
अज्ञानी को ज्ञान दिया
हे शिव शंकर मेरे भोलेनाथ..
हे शम्भु बाबा मेरे भोलेनाथ
तीनो लोक में तू ही तू
श्रद्धा सुमन मेरा मन बेलपत्री
जीवन भी अर्पण कर दू
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम बेल पत्ते लायेंगे
वही बेल हम भोले को चढ़ायेंगे
थाली में फुल और चन्दन होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम गंगा जल लायेंगे
वही गंगाजल हम भोले को चढ़ायेंगे
फिर तो भजन और किर्तन होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम गंगा रेत लायेंगे
वही गंगा रेत हम शिवलिंग बनायेगे
फिर तो भोले का अभिनन्दन होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम भांग धतुरा लायेंगे
वही भांग धतुरा हम भोले को चढ़ाएंगे
फिर तो भोले को भोग लगाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
सावन के महीने में हम कांवड़ लेके आयेंगे
कांवड़ लेके आयेंगे हम भोले को मनाएंगे
फिर तो चरणामृत हमको मिलेगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
वो तो गौरा से प्यार कर बैठे
मैंने ढोलक मंगाई भोले के लिए
वो तो डमरू से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने गाड़ी मंगाई भोले के लिए
वो तो नंदी से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने माला मंगाई भोले के लिए
वो तो नागो से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने भोजन मंगाया भोले के लिए
वो तो भंगिया से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने गागर भराई भोले के लिए
वो तो गंगा से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
वो तो गौरा से प्यार कर बैठे
मैं तेरे द्वार भोलेनाथ फिर से आई हूं
तेरे दरबार से ही सब कुछ मैं तो पाई हूं
मैं तेरे द्वार भोलेनाथ फिर से आई हूं
तेरा गुण गान पहली वार जब मैं गई थी
दिल में अरमान लेके धाम तेरे आई थी
तेरी किरपा से ही भोले ले नाम कमाई हूं
मैं तेरे द्वार भोलेनाथ फिर से आई हूं
जब तलक जान है एहसान न भुलाऊ गी
तेरे भुलावे पे दोहडी चली आउंगी
तेरी चौकठ पे ही मैं सारे गम भुलाई हूं
मैं तेरे द्वार भोलेनाथ फिर से आई हूं
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