Adhik Maas 2023: अधिक मास में जन्में बच्चे होते हैं Luckey, ये बातें बनाती हैं इन्हें ‘किस्मत वाला’

Published : Jul 23, 2023, 10:49 AM IST
adhik maas 2023

सार

Adhik Maas 2023: इन दिनों सावन का अधिक मास चल रहा है। ये 16 अगस्त तक रहेगा। अधिक मास का धार्मिक महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस मास में जन्में बच्चों का नेचर और फ्यूचर कैसा होता है, ये जानने की इच्छा सभी के मन में होती है। 

उज्जैन. सावन का अधिक मास (Adhik Maas 2023) 18 जुलाई से शुरू हो चुका है जो 16 अगस्त तक रहेगा। धार्मिक दृष्टिकोण से ये महीना बहुत ही खास माना गया है। अधिक मास हर तीसरे साल आता है। अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस महीने में जन्में बच्चों का नेचर और फ्यूचर भी थोड़ा अलग होता है। आगे जानिए अधिक मास में जन्में बच्चों के नेचर और फ्यूचर के बारे में…

ऐसा होता है इनका नेचर
अधिक मास में जन्में बच्चें दिमागी तौर पर काफी बुद्धिमान होते हैं। इनके सोचने-समझने की क्षमता अन्य बच्चों का काफी अधिक होती है। ये स्वतंत्र रूप से जीना पसंद करते हैं। इनकी दृढ़ इच्छा शक्ति के चलते ये मुश्किल भरे काम भी आसानी से कर लेते हैं। इनमें नेतृत्व करने की गुण प्राकृतिक रूप से होता है। जिज्ञासु प्रवृति के होने के कारण ये जीवन में कई सफलताएं प्राप्त करते हैं।

ऐसा होता है फ्यूचर
मलमास में जन्म लेने वाले लोगों में नेतृत्व करने की क्षमता स्वाभाविक रूप से होती है। इसलिए ये सफल लीडर या अधिकारी साबित होते हैं। बिजनेस में भी ये बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं। ये जिस काम की ज़िम्मेदारी अपने कन्धों पर लेते हैं उसको पूरा करके ही दम लेते हैं। कई मौकों पर ये जुझारुपन उनके पक्ष में परिणाम देता है। परिवार में भी इनका वर्चस्व बना रहता है। इनकी लव लाइफ सफल रहती है और बच्चे भी बडे़ पदों पर रहते हैं।

ये बातें बनाती हैं इन्हें किस्मत वाला
अधिक मास में जन्में बच्चों का भविष्य उज्जवल रहता है या यूं कहें कि इन्हें किस्मत का पूरा-पूरा साथ मिलता है। अधिक मास के स्वामी स्वयं भगवान विष्णु हैं, इसलिए इनके स्वभाव में धार्मिक गुण जन्म से ही होते हैं और भगवान की कृपा भी इन पर हमेशा बनी रहती है। भगवान विष्णु के प्रिय मास में जन्म लेने के कारण इन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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