Amawasya Upay: साल 2025 की अंतिम अमावस्या कब, 19 या 20 दिसंबर? जानें सही डेट और उपाय

Published : Dec 18, 2025, 10:31 AM IST
Amawasya Upay

सार

Amawasya Upay: साल 2025 का अंतिम महीना दिसंबर चल रहा है। इस महीने में अमावस्या तिथि कब है, इसे लेकर लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बन रही है। अमावस्या तिथि का महत्व अनेक पुराणों में बताया गया है। जानें दिसंबर 2025 में क्या है अमावस्या की सही डेट?

Amawasya December 2025 Date: ज्योतिष शास्त्र व धर्म ग्रंथों में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां दोनों पक्षों (शुक्ल और कृष्ण) में समान होती हैं। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या। ये दोनों ही तिथियां बहुत खास हैं। इनमें से अमावस्या तिथि के स्वामी पितर देवता हैं, इसलिए इस दिन पितरों की शांति के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं। आगे जानिए साल 2025 के अंतिम महीने दिसंबर में अमावस्या तिथि कब है और इस दिन कौन-से उपाय करें…

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कब है पौष मास 2025 की अमावस्या?

पंचांग के अनुसार, पौष मास की अमावस्या तिथि 19 दिसंबर, शुक्रवार की सुबह 04 बजकर 59 मिनिट से शुरू होगी जो 20 दिसंबर, शनिवार की सुबह 07 बजकर 13 मिनिट तक रहेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार चूंकि अमावस्या तिथि का सूर्योदय 19 दिसंबर को होगा और पूरे दिन भी यही तिथि रहेगी, इसलिए इसी दिन पौष मास की अमावस्या तिथि का महत्व माना जाएगा।

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क्यों खास है अमावस्या तिथि?

धर्म ग्रंथों के अनुसार चंद्रमा की जो 16 कलाएं बताई गई हैं, उनमें से अंतिम कला का नाम अमा है। अमा को चंद्रमा की महाकला माना गया है। ऐसा भी कहते हैं कि अमा में चंद्र की सभी सोलह कलाओं की शक्तियां शामिल होती हैं। इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य व चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं तब अमावस्या तिथि का संयोग बनता है। ऐसी स्थिति महीने में सिर्फ एक बार बनती है।

अमावस्या के उपाय

1. पितरों की शांति के लिए अमावस्या तिथि पर तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध आदि कर्म करने चाहिए। इससे पितृ दोष भी शांत होता है।
2. जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें अमावस्या तिथि पर तांबे के नाग-नागिन का जोड़ा नदी में प्रवाहित करना चाहिए।
3. अमावस्या पर पितृ शांति के लिए गरीबों को अनाज, भोजन, कपड़े, जूते-चप्पल आदि चीजों का दान करें।
4. अमावस्या तिथि पर किसी ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा देकर विदा करें। इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
5. अमावस्या तिथि पर पीपल पर जल चढ़ाएं और पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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