Chandra Grahan 2023 Timing: जानें 5 मई को होने वाला चंद्र ग्रहण से जुड़ी हर बात, क्या इसका सूतक भारत में भी माना जाएगा?

Chandra Grahan 2023: 5 मई, शुक्रवार को साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण होगा। ये कई देशों में देखा जाएगा। वैज्ञानिक भाषा में ये पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण होगा, जिसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण भी कहते हैं। आकाश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में ग्रहण दिखाई देगा।

 

उज्जैन. साल में कई बार चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है। चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) कभी भी पूरी दुनिया में एक साथ नहीं देखा जाता, ये कुछ ही देशों में दिखाई देता है। साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार को होने जा रहा है। ये ग्रहण कई मायनों में काफी खास रहेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्रहण के दौरान चंद्रमा क्षितिज से लगभग 40 डिग्री ऊपर रहेगा। आगे जानिए 5 मई को होने वाले ग्रहण से जुड़ी खास बातें…

क्या है ग्रहण भारत में दिखाई देगा? (Will the lunar eclipse on May 5 be visible in India?)
वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी चंद्रमा से बहुत बड़ी है, जिसका अर्थ है कि इसकी छाया भी प्राकृतिक उपग्रह से बहुत बड़ी है। इसी वजह से सूर्य ग्रहण से ज्यादा चंद्र ग्रहण दुनिया के अधिक देशों में दिखाई देता है। 5 मई को होने वाला ग्रहण भी ऐसा ही होगा। ये ग्रहण अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, रूस, अफ्रीका और ओशिनिया आदि स्थानों पर देखा जाएगा। भारत में ये ग्रहण किसी भी रूप में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। आदि स्थानों पर ये ग्रहण दिखाई देगा।

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ये रहेगा ग्रहण का समय? (May 5 lunar eclipse date and time)
ज्योतिषियों के अनुसार, जिन देशों में ये ग्रहण दिखाई देगा, सिर्फ वहीं इसका प्रभाव जैसे सूतक आदि मान्य रहेंगे। भारत में ये ग्रहण दिखाई न देने से यहां इसका कोई भी प्रभाव नहीं माना जाएगा। चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार की रात 08.45 मिनट से शुरू होगा और रात 1.00 बजे इसकी समाप्ति होगी। इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकण्ड्स की रहेगी।

कब से कब तक रहेगा सूतक? (May 5 Lunar Eclipse Sutak Time)
ग्रहण के सूतक उन्हीं देशों में मान्य होगा, जहां ये दिखाई देगा यानी भारत में 5 मई को होने वाले ग्रहण का सूतक मान्य नहीं रहेगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है, इस हिसाब से 5 मई के चंद्र ग्रहण का सूतक काल 5 मई की सुबह 11.45 से शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण के साथ ही समाप्त होगा। सूतक काल के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।



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