Chandra Grahan 2023 Date-Time: जानें साल 2023 के पहले चंद्र ग्रहण की डेट, क्या ये भारत में दिखाई देगा?

Chandra Grahan 2023 Date: साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण कुछ ही दिनों में होने वाला है। कुछ दिनों पहले ही सूर्य ग्रहण के बाद चंद्र ग्रहण का होना शुभ नहीं है। इसका अशुभ असर देश-दुनिया पर किसी न किसी रूप में दिखाई देगा।

 

Manish Meharele | Published : Apr 24, 2023 4:59 AM IST / Updated: Apr 29 2023, 02:37 PM IST

उज्जैन. सूर्य व चंद्र ग्रहण होना खगोलीय घटनाएं है, लेकिन भारत में इसे धर्म और ज्योतिष से जोड़कर देखा जाता है। हिंदू धर्म में ग्रहण होना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के अशुभ प्रभाव मनुष्यों के अलावा प्रकृति पर भी होता है। (Chandra Grahan 2023 Date-Time) पिछले दिनों 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण हुआ था और अब 15 दिन के अंदर ही चंद्र ग्रहण भी होने जा रहा है। इतने कम समय में ग्रहण होना अनहोनी की आशंका पैदा कर रहा है। आगे जानिए कब होगा साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण…

इस दिन होगा चंद्र ग्रहण (Kab Hoga Chandra Grahan)
साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार को होगा। इस दिन वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि रहेगी, जिसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। भारत में ये ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां इसका सूतक आदि नियम मान्य नहीं होंगे। ये उपछाया चंद्र ग्रहण होगा यानी चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया सिर्फ एक तरफ रहने के कारण ये ग्रहण हर जगह नहीं दिखेगा। ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर आदि स्थानों पर ये ग्रहण दिखाई देगा।

ये रहेगी चंद्र ग्रहण की टाइमिंग (Chandra Grahan May 2023 Timing)
चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार की रात 08.45 मिनट से शुरू होगा और रात 1.00 बजे इसकी समाप्ति होगी। चंद्र ग्रहण रात 10.53 पर उच्च स्थिति में रहेगा। इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकण्ड्स की रहेगी। जिन देशों में ये ग्रहण दिखाई देगा, सिर्फ वहीं इसका सूतक आदि मान्य होगा। भारत में इसका कोई भी प्रभाव नहीं माना जाएगा।

क्यों होता है चंद्र ग्रहण? (Why does lunar eclipse happen)
चंद्र ग्रहण क्यों होता है, इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य और धार्मिक मान्यताएं अलग-अलग हैं। खगोलविदों के अनुसार, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी पर आ जाती है। पृथ्वी की छाया से चंद्रमा ढंक जाता है जिससे कुछ देर के लिए वो धुंधुला दिखाई देता है। पुराणों के अनुसार जब राहु चंद्रमा को ग्रसित करता है तब चंद्र ग्रहण का संयोग बनता है। सूर्य और चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल लगता है।


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