कोई लटका 25 फीट ऊंचे झूले पर तो कोई चला अंगारों पर, तस्वीरों में देखिए देश भर के उत्सवों की झलकियां
जब सूर्य मेष राशि में आता है तो सौर वर्ष शुरू होता है। इस मौके पर देश भर में कई त्योहार मनाए जाते हैं। पंजाब में बैसाखी, असम में बोहाग बिहू और कोलकाता में चरक पूजा की जाती है। आगे तस्वीरों मे देखिए 14 अप्रैल को धार्मिक उत्सवों की झलकियां…
14 अप्रैल को कोलकाता में चरक पूजा का आयोजन किया गया। ये पूजा शिवजी से जुड़ी है। इसे नील पूजा भी कहते हैं। इस आयोजन में लोग अपनी पीठ पर लोहे के हुक लगाकार एक झूलेनुमा चकरी पर झूलते हैं। ये बहुत ही कष्टदायक होता है, लेकिन शिवजी के भक्ति में लोग हंसते-हंसते ये कष्ट सह लेते हैं।
स्वर्ण मंदिर में मनाई गई बैसाखी (Baisakhi at the Golden Temple)
बैसाखी के मौके पर पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर को सजाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने यहां आकर दीपक जलाए। दिन भर धार्मिक आयोजन होते रहें, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
असम में मनाया गया बिहू (Bihu in Assam)
असम में 14 अप्रैल को बोहाग बिहू का पर्व मनाया गया है। इस मौके पर कई स्थानों पर धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किए गए। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाओं ने पारंपरिक वस्त्र पहनकर लोकनृत्य भी किया।
झूले पर हैरतअंगेज करतब (charak puja 2023)
मुर्शिदाबाद जिले के केदारचंदपुर में चरक पूजा उत्सव मनाया गया। इस दौरान लोगों ने रस्सियों पर झूलकर हैरतअंगेज करतब दिखाए। जिन्हें देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए। करीब 20 से 25 फीट ऊंचे झूले पर इस तरह के करतब एक डरा देने वाला अहसास है।
चलते हैं जलते अंगारों पर (jhamu yatra 2023)
ओडिसा के खोरधा जिले में मेष संक्रांति के मौके पर स्थानीय परंपरा के अनुसार झामू यात्रा निकाली गई। ये यात्रा उड़िया नए साल का प्रतीक है। इस मौके पर भक्त नंगे पैर जलते हुए अंगारों पर चलते हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्हें कुछ भी नहीं होता।
कुल्लू में निकाई गई शोभायात्रा
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ब्यास और गोमती नदियों के संगम स्थल मकरहद में वैशाख संक्रांति के अवसर पर मार्कण्डेय ऋषि का शाही स्नान कर शोभायात्रा निकाली गई। ये यहां की स्थानीय परंपरा है।