Dasha Mata 2023: चल रहे हों बुरे दिन और दुर्भाग्य नहीं छोड़ रहा पीछा तो 17 मार्च को दशा पूजन पर जरूर करें ये 5 उपाय

Published : Mar 16, 2023, 04:05 PM IST
dasha mata pujan 2023

सार

Dasha Mata 2023: हिंदू धर्म ग्रंथों में माता पार्वती के अनेक रूप बताए गए हैं, दशा माता भी इनमें से एक है। इनकी पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। इस बार ये तिथि 17 मार्च, शुक्रवार को किया जाएगा। 

उज्जैन. अगर किसी के बुरे दिन चल रहे हैं तो दुर्भाग्य उसका पीछा नहीं छोड़ रहा हो तो दशा माता की पूजा और कुछ आसान उपाय करने से उसकी ये समस्या दूर हो सकती है। इस बार दशा माता की पूजा 17 मार्च, शुक्रवार को की जाएगी। (Dasha Mata 2023) दशा माता और कोई नहीं बल्कि देवी पार्वती की हा एक रूप हैं। हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को इनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, दशा माता (Dasha Mata 2023 Upay) की पूजा और उपाय करने से हर संकट दूर हो सकता है। आगे जानिए दशा माता से जुड़े कुछ आसान उपाय

दशा माता की पूजा करें
चैत्र कृष्ण दशमी तिथि पर दशा माता की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है। कहते हैं कि जिन लोगों की दशा यानी स्थिति ठीक न हो, वे यदि इस दिन दशा माता की पूजा करें तो उसके बुरे दिन टल जाते हैं और आने वाला संकट भी स्वत: ही दूर हो जाता है। इस दिन दशा माता की पूजा इस दिन जरूर करें।

अलोन व्रत रखें
दशा माता की पूजा में अलोन व्रत करने की परंपरा है। दशा पूजन की सुबह पूजन आदि करने के बाद दिन भर निराहार रहें। ऐसा करना संभव न हो तो फल या दूध ले सकते हैं। शाम को भोजन कर सकते हैं उसमें किसी भी रूप में नमक का उपयोग नहीं होना चाहिए। इसे ही अलोन व्रत कहा जाता है।

पीपल की पूजा करें
दशा माता व्रत में पीपल की पूजा आवश्यक रूप से की जाती है। इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हल्दी मिश्रित जल चढ़ाएं। इस उपाय से गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फल भी आपको मिलने लगेंगे। पीपल की पूजा करने से भगवान विष्णु की पूजा भी स्वत: ही हो जाती है।

जरूरतमंदों को दान करें
दशा माता व्रत में जरूरतमंदों को दान करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन भूखों को भोजन करवाएं, अगर ऐसा संभव न हो तो कच्चा अनाज जैसे गेहूं, चावल आदि का दान भी कर सकते हैं। जो व्यक्ति दशा व्रत के दौरान गरीबों की मदद करता है, उस पर दशा माता की कृपा बनी रहती है।

त्रिवेणी का रोपण करें
दशा व्रत के दौरान किसी स्थान पर वृक्षों की त्रिवेणी यानी पीपल, नीम और बरगद एक ही स्थान पर रोपें। इन 3 वृक्षों को त्रिवेणी कहा जाता है। प्रतिदिन इसमें पानी डालें और सेवा करें। जैसे-जैसे ये वृक्ष बड़े होते जाएंगे, आपकी किस्मत भी चमकने लगेगी।



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