
KalSarp Dosh Ke Upay: धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस बार 29 जनवरी, बुधवार को मौनी अमावस्या का संयोग बन रहा है। ये तिथि बहुत ही खास है। इस दिन अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, ये उपाय बहुत ही आसान हैं, जो कोई भी कर सकता है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
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जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है, वे मौनी अमावस्या पर किसी योग्य विद्वान पंडित से कालसर्प दोष का पूजन करवाएं। ये पूजन किसी नदी के तट पर करवाना श्रेष्ठ रहता है। इस पूजा के फल से कालसर्प दोष का प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कालसर्प दोष निवारण का सबसे आसान उपाय है नवनाग स्त्रोत का पाठ। मौनी अमावस्या की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद नागदेवता का चित्र स्थापित करें या शिवलिंग के सामने बैठकर विधिपूर्वक नववाग स्त्रोत का पाठ करें। इससे कालसर्प दोष का प्रभाव कम होगा।
मौनी अमावस्या पर बहते जल में यानी नदी में चांदी से बने नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करें। ऐसा करते समय भगवान से कालसर्प दोष का अशुभ प्रभाव दूर करने के लिए प्रार्थना भी करें। इस उपाय से आपकी मनोकामना जल्दी पूरी हो सकती है।
मौनी अमावस्या पर अपने घर में कालसर्प यंत्र की स्थापना करें और रोज इसकी पूजा करें। प्रतिदिन कालसर्प यंत्र की पूजा करने से धीरे-धीरे इस दोष का असर कम हो सकता है।
अपने आस-पास किसी मंदिर में जहां शिवलिंग पर नागदेवता की मूर्ति न हो, वहां तांबे से बनी नाग प्रतिमा स्थापित करें। मौनी अमावस्या पर किया गया ये उपाय कालसर्प दोष का प्रभाव कम कर आपकी परेशानियां दूर कर सकता है।
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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।