Ganesh Chaturthi 2025: श्रीगणेश के सीखें 10 लाइफ मैनेजमेंट टिप्स, हर कदम पर मिलेगी सफलता

Published : Aug 27, 2025, 03:01 PM IST
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सार

Life Management Tips of Shri Ganesh: भगवान श्रीगणेश को लाइफ मैनेजमेंट गुरु भी कहते हैं। श्रीगणेश से हम मैनेजमेंट के कईं टिप्स सीख सकते हैं। इन टिप्स को अगर हम जीवन में उतार लें तो लाइफ में कभी असफलता का मुंह नहीं देखना पड़ेगा।

Ganesh Ji Ke Best Life Management Tips: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर श्रीगणेश का प्राकट्य हुआ था। इस बार ये पर्व 27 अगस्त, बुधवार को है। भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य और लाइफ मैनेजमेंट गुरु भी कहते हैं। श्रीगणेश के स्वरूप में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र छिपे हैं, जिन्हें जीवन में उतार कर हम फील्ड में सफलता पा सकते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा से जानिए श्रीगणेश के स्वरूप से जुड़े 10 सबसे बेस्ट लाइफ मैनेजमेंट टिप्स…

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काम की बात ही ग्रहण करें

भगवान श्रीगणेश का एक नाम शूर्पकर्ण है, जिसका अर्थ सूप जैसे कानों वाले। सूप का इस्तेमाल आज भी अनेक घरों में अनाज साफ करने के लिए किया जाता है। सूप से जब अनाज साफ करते हैं तो कचरा अलग हो जाता है और सिर्फ अन्न बचता है। हमें भी ऐसे ही अपने कानों से अच्छी बातें ग्रहण करनी चाहिए और खराब बातों को बाहर कर देना चाहिए।

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छोटी आंखों से सीखें हर बात को परखना

भगवान श्रीगणेश की आंखें उनके मुख की अपेक्षा छोटी हैं जो बताती हैं कि हमें किसी भी बात को सूक्ष्मता से परखना चाहिए और बिना जांच किए किसी भी बात को सच नहीं मान लेना चाहिए। ये छोटी आंखें हमें छोटे-छोटे तथ्यों को भी जांचने के लिए प्रेरित करती हैं।

बड़े पेट से सीखें सीक्रेट को अपने तक ही रखना

भगवान गणेश का बड़ा पेट यह बताता है कि हमारा पेट गागर की तरह छोटा नहीं अपितु सागर की तरह विशाल होना चाहिए, जिसमें अच्छी-बुरी सभी बातों को पचाने की शक्ति हो। अगर हमें किसी के गुप्त राज पता हो तो हम उन्हें अपने अंदर तक ही सीमित रखें।

कुतर्कों पर काबू रखना सीखें मूषक से

भगवान श्रीगणेश का वाहन है मूषक यानी चूहा। चूहे की प्रवृत्ति होती है कुतरने की। इसलिए इसे कुतर्क का प्रतीक माना जाता है और गणेश हमेशा इस पर सवार रहते हैं। संदेश है कि हमारी बुद्धि से हमें कुतर्कों को काबू में रखना चाहिए। कुतर्कों से व्यक्ति भ्रमित हो जाता है।

बड़ी सूंड से सीखें दूर की सोचना

श्रीगणेश की सूंड बहुत ही बड़ी होती है जो हमें दूरदृष्टि रखने का संकेत देती है। इस सूंड से दूर से ही किसी भी बात का अनुमान लगाया जा सकता है। आने वाले खतरे को भी ये सूंड पहले से ही भांप लेती है।

दूर्वा से सीखें हमेशा पवित्र रहना

दूर्वा जिसे आम भाषा में दूब भी कहते हैं, एक प्रकार ही घास है। ये भगवान श्रीगणेश को विशेष रूप से चढ़ाई जाती है। दूर्वा गहनता और पवित्रता की प्रतीक है। दूर्वा का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में भी बताया गया है। दूर्वा से हमें अपने चरित्र को पवित्र रखना सीखना चाहिए।

बड़ा सिर बड़ी सोच का प्रतीक

भगवान श्रीगणेश का मस्तक काफी बड़ा है जो हमें बड़ी सोच रखने के लिए प्रेरित करता है। बड़ी सोच यानी हमें किसी की भी कही बातों को दिल से नहीं लगाना चाहिए और अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़ता रहना चाहिए। तभी हमें हर काम में सफलता मिल सकती है।

हाथ में अंकुश यानी स्वयं पर नियंत्रण

श्रीगणेश के हाथों में अंकुश दिखाई देता है जो हाथी को काबू रखने के काम आता है। अंकुश हमें सिखाता है कि हमारे दिमाग में कईं बुरे विचार भी आते हैं। हमें इन पर नियंत्रण रखना चाहिए, नहीं तो हम तय लक्ष्यों तक नहीं पहुंच सकते। बुरे विचारों को दबाकर अच्छे विचारों पर काम करना चाहिए।

हाथ में लड्डू मीठे व्यवहार का प्रतीक

श्रीगणेश के एक हाथ में लड्डू होता है जो मीठे व्यवहार का प्रतीक है। यानी हमें हमेशा मीठी वाणी बोलना चाहिए। मीठी वाणी से हम किसी को भी अपने वश में कर सकते हैं यानी उससे मित्रता कर सकते हैं। मीठी वाणी बोलने वाला हर परिस्थति में खुश रहते हैं।

श्रीगणेश के दांतों से सीखें टिप्स

श्रीगणेश के दो दांत हैं एक पूर्ण व दूसरा अपूर्ण। पूर्ण दांत श्रद्धा का प्रतीक है और टूटा हुआ दांत बुद्धि का। ये दांत हमें यह प्रेरणा देते हैं कि जीवन में बुद्धि कम होगी तो चलेगा, लेकिन ईश्वर के प्रति पूरा विश्वास रखना चाहिए।


 

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