श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाने के पीछे छिपा है रोचक किस्सा, कैसे शुरू हुई ये परंपरा?

Published : Sep 09, 2024, 01:55 PM ISTUpdated : Sep 09, 2024, 05:36 PM IST
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सार

Ganesh Utsav 2024: भगवान श्रीगणेश की पूजा में वैसे तो कईं चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन इन सभी में दूर्वा सबसे विशेष है। बिना दूर्वा के श्रीगणेश की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाने के पीछे के रोचक कथा है। 

Ganeshji Ko Kyo Chadate hai Durva: इस बार गणेश उत्सव 7 सितंबर, शनिवार से शुरू हो चुका है, जो 16 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान रोज भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाएगी। श्रीगणेश की पूजा में कई चीजें विशेष रूप से चढ़ाई जाती है, उनमें से एक है दूर्वा। ये एक प्रकार की घास है जो आसानी से मिल जाती है। दूर्वा के बिना श्रीगणेश की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। आगे जाने श्रीगणेश को क्यों इतनी प्रिय है दूर्वा…

श्रीगणेश को क्यों चढ़ाते हैं दूर्वा? (Story Of Lord Ganesh)
- मुद्गल पुराण के अनुसार, किसी समय अनलासुर नाम का एक महाभयंकर राक्षस था, उसने देवताओं को भी आतंकित किया हुआ था। इंद्र से भी अनलासुर का भयंकर युद्ध हुआ, लेकिन वे भी उसे हरा नहीं पाए।
- तब अनलासुर को पराजित करने के लिए सभी देवता भगवान शिव के पास गए। तब शिवजी ने देवताओं से कहा अनलासुर का नाश तो सिर्फ श्रीगणेश ही कर सकते हैं। सभी देवता श्रीगणेश के पास गए।
- देवताओं ने भगवान गणेश की स्तुति की, जिससे वे प्रसन्न हो गए। देवताओं ने अपनी समस्या उन्हें बताई। तब श्रीगणेश अनलासुर का वध करने के लिए तैयार हो गए। दोनों के बीच बहुत भयंकर युद्ध हुआ।
- अनलासुर भी पराक्रमी था। श्रीगणेश और अनलासुर का युद्ध कईं दिनों तक चलता रहा। युद्ध में उसे पीछे न हटते हुए देख श्रीगणेश ने विशाल रूप धारण कर उसे निगल लिया। इस तरह अनलासुर का अंत हो गया।
- अनलासुर को निगलने के कारण गणेशजी के पेट में जलन होने लगी। तब ऋषि कश्यप ने उन्हें दूर्वा खिलाई। इससे उनके पेट की जलन शांत हो गई क्योंकि दूर्वा शरीर को ठंडक प्रदान करती है।
- मान्यता है कि तभी से भगवान श्रीगणेश की पूजा में दूर्वा विशेष रूप से अर्पित की जाती है। अगर भगवान श्रीगणेश को सिर्फ दूर्वा ही अर्पित की जाए तो वे भी भक्तों की हर इच्छा पूरी कर सकते हैं।


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