Ganga Dussehra 2023: 30 मई को गंगा दशहरे पर इस विधि से करें पूजा, जानें शुभ योग, मुहूर्त व अन्य खास बातें

Ganga Dussehra 2023: हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन देवनदी गंगा धरती पर आई थी। इस दिन गंगा नदी के किनारे विशेष आयोजन किए जाते हैं।

 

Manish Meharele | Published : May 13, 2023 11:00 AM IST / Updated: May 30 2023, 08:46 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में नदियों को भी माता कहा गया है। वैसे तो हमारे देश में कई पवित्र नदियां हैं, लेकिन इन सभी में गंगा नदी का स्थान सबसे ऊंचा है। हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है (Ganga Dussehra 2023)। इस पर्व से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। हरिद्वार, काशी आदि स्थानों पर जहां से गंगा नदी गुजरती हैं, वहां इस दिन गंगा के तट पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। आगे जानिए इस बार कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा पर्व…

इस दिन मनाया जाएगा गंगा दशहरा पर्व (Ganga Dussehra 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई, सोमवार की सुबह 11:49 से शुरू होकर 30 मई, मंगलवार की दोपहर 01:08 तक रहेगी। चूंकि दशमी तिथि का सूर्योदय 30 मई को होगा, इसलिए इसी दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर गंगा नदी स्वर्ग से उतरकर धरती पर आई थी।

ये शुभ योग बनेंगे गंगा दशहरा पर (Ganga Dussehra 2023 shubh Yog)
ज्योतिषियों के अनुसार, 30 मई को हस्त नक्षत्र दिन भर रहेगा। मंगलवार और हस्त नक्षत्र का संयोग बनने से सौम्य नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा सिद्धि नाम का एक अन्य शुभ योग भी दिन भर रहेगा। ग्रहों की स्थिति भी इस दिन शुभ फल देने वाली रहेगी। इस दिन किए गए उपाय, पूजा आदि का शुभ फल जल्दी ही मिलेगा।

इस विधि से करें देवनदी गंगा की पूजा (Ganga Dussehra 2023 Puja Vidhi)
- 30 मई, मंगलवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद गंगा दशहरा की पूजा व व्रत का संकल्प लें। वैसे तो देवी गंगा की पूजा तट पर ही करनी चाहिए, लेकिन ऐसा संभव न हो तो आगे बताई गई विधि से घर पर भी गंगा पूजन कर सकते हैं।
- देवी गंगा की प्रतिमा या चित्र एक साफ स्थान पर स्थापित करें। पास में गंगा जल से भरा कलश रखें। इस कलश के रूप नारियल रखकर इस पर स्वस्तिक से कुंकुम बनाएं और पूजा का धागा बांधे
- देवी गंगा के चित्र पर फूल चढ़ाएं। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद पंचोपचार (कुंकुम, चावल, अबीर, गुलाल, रोली) पूजा करें। फल आदि चीजें चढ़ाएं और आरती करें। देवी गंगा की पूजा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है।

भगीरथ धरती पर लेकर आए थे गंगा
धर्म ग्रंथों के अनुसार, कपिल मुनि के श्राप से रघुवंशी राजा सगर के 60 हजार पुत्र जलकर खाक हो गए। उनके उद्धार के लिए राजा भगीरथ ने घोर तपस्या की और गंगा को धरती पर आने के लिए आमंत्रित किया। गंगा ने कहा कि अगर मैं धरती पर पूरे वेग से अवतरित हुई तो ये धरती फट जाएगी। तब राजा भगीरथ ने शिवजी को तपस्या कर प्रसन्न किया। गंगा के धरती पर आते ही शिवजी ने उन्हें अपने जटाओं में समेट लिया और फिर मंद गति से पृथ्वी पर आने दिया। गंगा के स्पर्श से राजा सगर के पुत्रों को मोक्ष प्राप्त हुआ।


ये भी पढ़ें-

Mother's Day 2023 Gift: मदर्स डे पर राशि अनुसार अपनी मां को ये खास चीजें करें गिफ्ट, बढ़ेगा गुड लक


Achala Ekadashi 2023: अचला एकादशी 15 मई को, बुधादित्य व चतुर्ग्रही योग रहेगा इस दिन, जानें पूजा विधि व शुभ मुहूर्त


Vrishabha Sankranti 2023: 15 मई को सूर्य बदलेगा राशि, खत्म होगा अशुभ योग, शुभ फल के लिए करें ये उपाय


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।


 

Share this article
click me!