
उज्जैन. चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 6 अप्रैल, गुरुवार को भी है। हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। हनुमानजी की पूजा में सिंदूर का काफी अधिक महत्व है। हनुमानजी का पूरा श्रृंगार सिंदूर से ही किया जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार हनुमानजी को सिंदूर क्यों लगाया जाता है, इस संबंध में एक कथा बहुत प्रचलित है। आगे जानिए क्या है ये पूरी कथा...
इसलिए हनुमानजी को चढ़ाते हैं सिंदूर?
प्रचलित कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक होने के बाद एक दिन हनुमानजी ने देखा कि माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही हैं। हनुमानजी ने जब इसका कारण पूछा तो देवी सीता ने बताया कि “मांग में सिंदूर लगाने से प्रभु श्रीराम की उम्र बढ़ती और उनके जीवन पर किसी तरह का कोई संकट भी नहीं आता।”
जब देवी सीता ने ये बात बताई तो हनुमानजी ने सोचा कि अगर माता के थोड़ा-से सिंदूर लगाने से श्रीराम की उम्र बढ़ती है तो मेरे पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से वे हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे। यही सोचकर उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। इसी अवस्था में हनुमानजी रामजी के सामने चले गए। जब श्रीराम ने इसका कारण पूछा तो हनुमानजी ने उन्हें पूरी बात बता दी। पूरी बात जानकर श्रीराम बहुत प्रसन्न हुए।
इसलिए भी चढ़ाते हैं सिंदूर
हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने के पीछे और भी कई कारण हैं। आमतौर पर हनुमानजी की प्रतिमा पत्थर की बनी होती है। इसके ऊपर सिंदूर का लेपन किया जाता है। ऐसा करने से प्रतिमा की सुरक्षा होती है। साथ ही इससे प्रतिमा का आकर्षण भी बढ़ता है। सिंदूर से लेपित प्रतिमा की पूजा करने से और भी कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बार-बार सिंदूर लगाने से मूर्ति का क्षरण नहीं होता और मूल मूर्ति सुरक्षित रहती है।
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