सार

Hanuman Jayanti 2023: हनुमानजी ब्रह्मचारी है, ये बात जितनी सच है, उनती ही ये बात भी सच है कि हनुमानजी का विवाह भी हुआ था। सुनने में ये बात अजीब जरूर लगे, लेकिन इसस संबधित कथा पाराशर संहिता में मिलती है।

 

उज्जैन. चैत्र मास की पूर्णिमा पर हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 6 अप्रैल, गुरुवार को है। इस दिन हनुमानजी के हर मंदिर में विशे आयोजन किए जाते हैं। वैसे तो दुनिया में हनुमानजी के अनेक मंदिर हैं, लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जहां हनुमानजी की पूजा उनकी पत्नी के साथ होती है। सुनने में ये बात थोड़ी अजीब जरूर लगे, लेकिन ये सच है। ये मंदिर दक्षिण भारत में है और बहुत कम लोग इस मंदिर के बारे में जानते हैं। आगे जानिए कहां है वो मंदिर जहां हनुमानजी की पूजा उनकी पत्नी के साथ होती है…

क्यों करना पड़ा हनुमानजी को विवाह? (Story of Hanumanji's marriage)
पाराशर संहिता के अनुसार, जब हनुमानजी सूर्यदेव के पास शिक्षा प्राप्त करने गए तो उन्होंने 9 में से 5 का ज्ञान तो उन्हें दे दिया लेकिन 4 विद्याओं का ज्ञान नहीं दिया। हनुमानजी के पूछने पर सूर्यदेव ने बताया कि इन 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान सिर्फ उन्हीं शिष्यों को दिया जा सकता था जो विवाहित हों। तब सूर्यदेव के समझाने पर हनुमानजी ने विवाह के लिए हां कर दी।

कौन हैं हनुमानजी की पत्नी? (Who is Hanumanji's wife?)
जब हनुमानजी ने विवाह के लिए हां कर दी यो प्रश्न उठा कि उनके लिए योग्य कन्या कौन हो सकती है? तब भगवान सूर्यदेव ने अपनी पुत्री सुवर्चना का विवाह प्रस्ताव हनुमान के सामने रखा। सुवर्चला एक महान तपस्वी थी। सूर्यदेव ने हनुमानजी से ये भी कहा कि विवाह के सुवर्चला पुन: तपस्या में लीन हो जाएगी और आप भी ब्रह्मचारी ही रहेंगे। ऐसा ही हुआ और विवाह के बाद सूर्यदेव ने हनुमानजी को शेष 4 विद्याओं का ज्ञान भी दे दिया।

कहां है हनुमानजी और सुवर्चला का मंदिर? (Where is the temple of Hanumanji and his wife)
हनुमानजी का पत्नी के साथ वाला एकमात्र मंदिर तेलंगाना (Telangana) राज्य के खम्मम (Khammam) जिले में स्थित है। ये एक प्राचीन मंदिर हैं, जहां सैकड़ों सालों से हनुमानजी की पूजा उनकी पत्नी सुवर्चला के साथ हो रही है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस प्रतिमा के दर्शन करता है, उसकी वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।

कैसे पहुंचें?
- खम्मम से 99 कि.मी. दूर विजयवाड़ा हवाई अड्डा है। वहां तक हवाई मार्ग से आकर रेल या सड़क मार्ग से खम्मम पहुंचा जा सकता है।
- खम्मम से देश के लगभग सभी बड़े शहरों के लिए नियमित रेल गाडियां चलती हैं।
- खम्म्म का सड़क मार्ग भी दूसरे कई शहरों से जुड़ा हुआ है।


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